क्या एसआईआर प्रक्रिया पर आपत्ति उठाना सही है? दिग्विजय सिंह का सवाल

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क्या एसआईआर प्रक्रिया पर आपत्ति उठाना सही है? दिग्विजय सिंह का सवाल

सारांश

नई दिल्ली में दिग्विजय सिंह ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और नागरिकता साबित करने के लिए सबूत मांगना उचित नहीं है। क्या यह प्रक्रिया वास्तव में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है? आइए, जानते हैं उनके विचार।

Key Takeaways

  • दिग्विजय सिंह ने एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाया।
  • नागरिकता साबित करने के लिए सबूत मांगने की प्रक्रिया विवादास्पद है।
  • चुनाव आयोग की अनियमितताओं पर जवाबदेही जरूरी है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र में, जहां सत्ता पक्ष एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगा रहा है, वहीं कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस को एसआईआर से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वर्तमान में लागू की जा रही प्रक्रिया पारदर्शी और तार्किक नहीं लगती।

दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर पहले भी किया जाता था और यह प्रक्रिया लगभग दो से चार महीने तक चलती थी। उस समय मतदाता को कोई फॉर्म नहीं भरना पड़ता था। बीएलओ घर-घर जाकर जानकारी लेता था और स्वयं ही वोट जोड़ देता था। 2003 तक एसआईआर नागरिकों के लिए वोट रजिस्टर करने का सरल माध्यम था, लेकिन वर्तमान एसआईआर हमसे फॉर्म भरने और हमारी नागरिकता साबित करने के सबूत मांग रहा है। यदि नागरिकता की जांच करनी है तो इसके लिए सीएए कानून है, उसका उपयोग करें। यह एसआईआर नहीं, बल्कि ‘सीएए’ जैसा लग रहा है और इसी पर हमें आपत्ति है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार यदि एक ही घर में दस से अधिक लोगों का उल्लेख हो तो असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर को मौके पर जाकर सत्यापन करना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में 30 लोगों को उसी पते पर दिखाया गया, फिर भी कोई वेरिफिकेशन नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में जवाबदेही तय होना आवश्यक है।

दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि सरकार और चुनाव आयोग ऐसी अनियमितताओं को नजरअंदाज क्यों कर रहे हैं। जब तक इन विसंगतियों पर स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक एसआईआर पर गंभीर संदेह बना रहेगा। उन्होंने कहा कि एसआईआर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी देश की चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करती है।

Point of View

बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव को भी प्रभावित करता है। दिग्विजय सिंह का सवाल यह है कि अगर लोकतंत्र में पारदर्शिता नहीं होगी, तो नागरिकों का विश्वास कैसे बना रहेगा? हमें इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर प्रक्रिया क्या है?
एसआईआर (सिस्टमेटिक इवैल्यूएशन रजिस्ट्रेशन) एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मतदाता अपनी जानकारी को अपडेट कर सकते हैं।
दिग्विजय सिंह ने किस बात पर आपत्ति जताई है?
दिग्विजय सिंह ने एसआईआर प्रक्रिया में नागरिकता साबित करने के सबूत मांगने को लेकर आपत्ति जताई है।
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