क्या क्लाउड सीडिंग और जमीनी अभियानों से दिल्ली की हवा में सुधार हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में क्लाउड सीडिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
- आईआईटी कानपुर के सहयोग से प्रदूषण में कमी आई है।
- दिल्ली सरकार विज्ञान-आधारित नीतियों पर जोर दे रही है।
- क्लाउड सीडिंग से हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
- आने वाले दिनों में और परीक्षण किए जाएंगे।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे प्रयास अब सकारात्मक परिणाम दिखाने लगे हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार द्वारा शुरू किया गया बहुआयामी अभियान प्रदूषण नियंत्रण में सफल होता नजर आ रहा है।
इस दिशा में वैज्ञानिक और नागरिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयों का प्रभाव लगातार स्पष्ट हो रहा है। आईआईटी कानपुर के सहयोग से आयोजित क्लाउड सीडिंग ट्रायल में मयूर विहार और बुराड़ी जैसे क्षेत्रों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10) में 41.9 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई। इन क्षेत्रों में एक्यूआई के स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि विज्ञान-आधारित नीतियों का पालन ही दिल्ली के स्वच्छ हवा मिशन की असली ताकत है। कम नमी के बावजूद ट्रायल के परिणाम उत्साहवर्धक हैं, लेकिन हमारा ध्यान केवल एक उपाय पर नहीं है; हम तकनीकी नवाचार और नागरिक सहभागिता दोनों को साथ लेकर चल रहे हैं ताकि लोगों को वास्तविक सुधार मिल सके।
सिरसा ने कहा कि बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई 279 दर्ज किया गया, जो लगातार सुधार का संकेत है। उन्होंने कहा कि यह सुधार किसी एक कदम का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। दिल्ली सरकार हर वैज्ञानिक तरीके से काम कर रही है जो जनता को सीधे लाभ पहुंचाएं।
उन्होंने आगे बताया कि आने वाले दिनों में मौसम और नमी की स्थिति के अनुसार अगला क्लाउड सीडिंग ट्रायल किया जाएगा। दिल्ली सरकार वैज्ञानिक नवाचार और जमीनी अभियानों के साथ मिलकर स्वच्छ हवा की दिशा में आगे बढ़ रही है।
इससे पहले, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा की कि मंगलवार को दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का दूसरा ट्रायल किया गया। इसके लिए सेसना एयरक्राफ्ट ने कानपुर से उड़ान भरी और खेकरा, बुराड़ी, नार्थ करोल बाग, मयूर विहार, सड़कपुर और भोजपुर से होते हुए मेरठ एयरपोर्ट पर लैंड किया। इस दौरान आतिशबाजी तकनीक का उपयोग करते हुए 8 क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स छोड़े गए।
आईआईटी कानपुर की टीम का मानना है कि किसी भी समय दिल्ली में बारिश हो सकती है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिनकी वजह से हम दूसरा ट्रायल सफलतापूर्वक करवा पाए हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा के लिए विशेषज्ञों ने परीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।