क्या मुनक नहर पर 3 हजार करोड़ की लागत से बनेगा एलिवेटेड रोड? दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी

सारांश
Key Takeaways
- मुनक नहर पर 3 हजार करोड़ का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट शुरू होगा।
- इससे यातायात में सुधार और जल संकट में कमी आएगी।
- एलिवेटेड रोड की लंबाई लगभग 20 किलोमीटर होगी।
- यह प्रोजेक्ट 2 लोकसभा, 18 विधानसभा और 35 एमसीडी वार्ड को कवर करेगा।
- मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रेखा गुप्ता सरकार ने गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में मुनक नहर से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने मुनक नहर पर 3 हजार करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड के DPR को मंजूरी प्रदान की है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने मुनक नहर पर एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए हरियाणा सरकार से एनओसी मांगी है। यह भी बताया गया है कि इस एलिवेटेड रोड की लंबाई लगभग 20 किलोमीटर होगी, जो बवाना से इंद्रलोक तक फैली होगी। इस परियोजना की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की होगी।
एलिवेटेड रोड का DPR तीन महीने में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना को तीन वर्षों में पूरा करने का अनुमान है। प्रस्तावित एलिवेटेड रोड 2 लोकसभा, 18 विधानसभा और 35 एमसीडी वार्ड को कवर करेगा। एनएचएआई एलिवेटेड रोड का निर्माण करेगा, जबकि मुनक कैनाल की बाउंड्री, इलेक्ट्रिक वर्क और रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के अधीन होगी।
इस परियोजना के पूर्ण होने से प्रतिदिन लाखों लोग इस एलिवेटेड रोड का लाभ उठा सकेंगे। इसके साथ ही कैनाल के क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में भी कमी आएगी।
ज्ञात हो कि मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति की एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है, जो हरियाणा से यमुना नदी का पानी दिल्ली तक लाती है। यह नहर करनाल जिले से शुरू होकर दिल्ली के हैदरपुर तक पहुंचती है। इसकी कुल लंबाई 102 किलोमीटर है, जिसमें 85 किमी हरियाणा में और 17 किमी दिल्ली में है।
इसका निर्माण हरियाणा सरकार द्वारा किया गया था। यह नहर दिल्ली के हैदरपुर, बवाना, द्वारका और नांगलोई जल उपचार संयंत्रों को पानी उपलब्ध कराती है, जो दिल्ली की जलापूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मुनक नहर दिल्ली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि जब भी नहर का पानी रोका गया, राजधानी में जल संकट उत्पन्न हो गया। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भी नहर का पानी रोका गया था, जिससे दिल्ली को गंभीर रूप से प्रभावित होना पड़ा था।