क्या डिंपल यादव के अपमान पर एनडीए सांसदों का गुस्सा उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- डिंपल यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी ने एक बड़ा विवाद खड़ा किया।
- एनडीए सांसदों ने महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए प्रदर्शन किया।
- भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान महत्वपूर्ण है।
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और बढ़ावा दिया।
- मामले की जांच चल रही है।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते एनडीए की महिला सांसदों ने मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। भाजपा महिला सांसद माया नारोलिया ने कहा, "यह समस्त नारी शक्ति का अपमान है। हम इस अपमान के खिलाफ एकजुट हैं।"
माया नारोलिया ने आगे कहा, "महिला सांसद के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं। भारतीय संस्कृति में नारी का सम्मान सदियों से होता आया है। शास्त्रों में कहा गया है, 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः,' अर्थात जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। इस तरह की टिप्पणियों से न केवल डिंपल का, बल्कि समस्त नारी शक्ति का अपमान हुआ है। हमारा मानना है कि नारी का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। भारत में नारियों को सबसे ऊंचा स्थान दिया जाता है। कन्या पूजन की परंपरा है और नारियों को देवी के समान माना जाता है।"
भाजपा महिला सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कहा, "जिसने हमारी सांसद डिंपल यादव का अपमान किया है, उसने केवल एक महिला सांसद का नहीं, बल्कि देश की समस्त मातृशक्ति का अपमान किया है। आश्चर्य की बात है कि समाजवादी पार्टी के नेता इस मामले में चुप हैं। जिन नेताओं ने यह अपमान किया है, उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए और तुरंत माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि मातृशक्ति इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी।"
उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने नारी शक्ति और महिला सांसद का अपमान किया है, उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेताओं का मौन रहना समझ से परे है। यह कैसी राजनीति है? अगर वे अपने घर की महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए।"
ज्ञातव्य है कि डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनकी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
सपा नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर विभूतिखंड थाने में मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में महिलाओं की गरिमा और सार्वजनिक शांति से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 79, 196, 197, 299, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच जारी है।