क्या दिनेश शर्मा ने सरदार पटेल को याद किया और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की एकता की बात की?

Click to start listening
क्या दिनेश शर्मा ने सरदार पटेल को याद किया और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की एकता की बात की?

सारांश

कानपुर में सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की एकता महत्वपूर्ण है। उन्होंने जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव से मुक्त होने की बात की। यह दिन न केवल एकता का प्रतीक है बल्कि हमारे राष्ट्र के विकास की दिशा में भी एक कदम है।

Key Takeaways

  • सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता का संदेश महत्वपूर्ण है।
  • पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की एकता का महत्व बढ़ा है।
  • जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव को समाप्त किया जाना चाहिए।
  • सरदार पटेल का योगदान भारतीय एकता में अद्वितीय है।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक प्रेरणादायक स्थल है।

कानपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा भारत एकजुट है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में, भाजपा सांसद ने कहा कि आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर नागरिक इस भावना के साथ सड़कों पर निकला है कि जाति, क्षेत्र, धर्म या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की ओर बढ़ रहे हैं। पूरे देश में कार्यकर्ता और नेता उपस्थित हैं। कानपुर में हजारों लोगों का हुजूम है। लोग पीएम मोदी के साथ खड़े हैं। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के साथ पूरी दुनिया खड़ी है।

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने संकल्प लिया है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा। इसकी कल्पना आज पूरे देश में दिखाई दे रही है।

एक सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा सांसद ने लिखा कि 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया, पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गए।

उन्होंने भारत के 600 से अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतंत्रता दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गए, पर कुछ आंख दिखाने लगे। ऐसे में, जिसने उन्हें भारत में मिलाने का कार्य किया, उन्हें हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जानते हैं।

पोस्ट में लिखा है कि 1926 में वल्लभभाई की भेंट गांधी जी से हुई और फिर वे भी स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने बैरिस्टर वाली अंग्रेजी वेशभूषा त्याग दी और स्वदेशी रंग में रंग गए। बारडोली के किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व करने के कारण गांधी जी ने इन्हें ‘सरदार’ कहा। फिर यह उपाधि उनके साथ जुड़ गई। सरदार पटेल स्पष्ट एवं निर्भीक वक्ता थे। यदि वे कभी गांधी जी से असहमत होते, तो उसे भी साफ कह देते थे। वे कई बार जेल गए। 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के लिए उन्हें तीन वर्ष की सजा हुई। आजादी के बाद उन्हें उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री बनाया गया।

पोस्ट में आगे लिखा गया है कि उनकी स्मृति में केवड़िया (गुजरात) में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई। यह स्थान एक दर्शनीय पर्यटन स्थल और श्रद्धा केंद्र बन गया है। आज का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Point of View

बल्कि यह हमारे देश की एकता और विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने जो बातें कहीं हैं, वे हमें याद दिलाती हैं कि हम सब एक हैं और हमें मिलकर आगे बढ़ना है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

सरदार पटेल की 150वीं जयंती कब मनाई गई?
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्टूबर को मनाई गई।
दिनेश शर्मा ने क्या कहा?
दिनेश शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा भारत एकजुट है।
क्या दिनेश शर्मा ने जाति और धर्म के भेदभाव की बात की?
हाँ, उन्होंने जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव को खत्म करने की बात की।
सरदार पटेल को किस उपाधि से जाना जाता है?
सरदार पटेल को 'लौहपुरुष' के नाम से जाना जाता है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहाँ स्थित है?
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवड़िया, गुजरात में स्थित है।