क्या डिक्सन टेक्नोलॉजीज को यमुना प्राधिकरण से 22.49 एकड़ जमीन मिली?

सारांश
Key Takeaways
- डिक्सन टेक्नोलॉजीज को 22.49 एकड़ जमीन मिली।
- निर्माण इकाई मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए होगी।
- इससे रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे।
- यह परियोजना 'मेक इन इंडिया' का हिस्सा है।
- यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड को सेक्टर-10 स्थित ईएमसी पार्क में 22.49 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित करने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। यह भूमि कंपनी को मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, होम अप्लायंसेज, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम उपकरण, लाइटिंग प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स की निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए दी जा रही है।
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रस्ताव डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने प्राधिकरण को प्रस्तुत किया था, जिसे स्वीकृति मिल गई है और इसके लिए औपचारिक 'लेटर ऑफ इंटेंट' भी जारी किया गया है। इस परियोजना को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी 11 अप्रैल 2025 को हुई 7वीं प्रोजेक्ट रिव्यू कमेटी की बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है।
ईएमसी पार्क में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड को 'एंकर यूनिट' के रूप में चुना गया है, यानी वह इस विशेष क्लस्टर की प्रमुख इकाई होगी और उसके साथ डिक्सन जैसी कंपनियां भी उत्पादन में भाग लेंगी। यह क्लस्टर नीति उत्तर प्रदेश सरकार की 'इन्वेस्ट यूपी' योजना और अन्य राज्य व केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अंतर्गत विकसित की जा रही है।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर ने बताया है कि डिक्सन टेक्नोलॉजीज को दी गई भूमि की स्वीकृति राज्य सरकार की इन्वेस्ट यूपी एम्पावर्ड कमेटी की अंतिम अनुशंसा और सभी नियामकीय शर्तों के अधीन होगी। यह कंपनी बड़ी-बड़ी मोबाइल कंपनियों के लिए मोबाइल के पार्ट बनाने का कार्य करती है। डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के तहत यह कंपनी अब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बहुत बड़ा निवेश करने जा रही है।
यह परियोजना न केवल यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की औद्योगिक वृद्धि को गति देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन और मेक इन इंडिया पहल को भी बल प्रदान करेगी। यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में यह एक और बड़ी औद्योगिक पहल मानी जा रही है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा। इसके निर्माण से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उत्तर प्रदेश सरकार को भी करोड़ों रुपए का निवेश प्राप्त होगा।