क्या डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम संभव हुआ?

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क्या डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम संभव हुआ?

सारांश

क्या डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास से ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम संभव हुआ? मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बातचीत के महत्व पर जोर दिया और गाजा के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। जानिए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में।

Key Takeaways

  • युद्ध और हिंसा से समस्याओं का समाधान नहीं होता।
  • बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।
  • गाजा के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
  • कतर और अमेरिका की मध्यस्थता महत्वपूर्ण है।
  • शांति और भाईचारा का रास्ता अपनाना चाहिए।

बरेली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम को लेकर कहा कि युद्ध और हिंसा से कभी किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, जिसके जरिए मुद्दों का हल निकाला जा सकता है।

मौलाना ने कतर के अमीर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की सराहना की, जिनके प्रयासों से ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम संभव हो सका। इस युद्ध विराम ने पश्चिम एशिया में फैली अशांति को शांति में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि कतर के अमीर और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल और ईरान से बात करके युद्ध विराम का ऐलान कर दिया, दोनों देशों ने जंगबंदी मानकर पूरे क्षेत्र में फैली अशांति को शांति में बदलने के प्रयास किए।

मौलाना ने कहा कि ईरान-इजरायल के बीच उस समय तनाव तब बढ़ गया था, जब अमेरिका ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया और ईरान पर हमले किए। इसके जवाब में ईरान की कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र को युद्ध के मैदान में तब्दील कर दिया था। हालांकि, कतर और अमेरिका की पहल से दोनों देशों ने युद्ध विराम का ऐलान किया, जो क्षेत्रीय शांति के लिए सकारात्मक कदम है।

मौलाना ने युद्ध विराम में एक बड़े पहलू पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गाजा के मासूम और मजलूम लोगों की अनदेखी हुई। गाजा में इजरायल की बमबारी के कारण रोजाना सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं और पूरा शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है। ईरान ने युद्ध विराम की बातचीत में गाजा के मुद्दे को पूरी तरह भुला दिया, जबकि इस जंग का मूल कारण गाजा ही था। अब तक गाजा में एक लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ईरान को चाहिए था कि वह युद्ध विराम की शर्तों में इजरायल द्वारा गाजा पर बमबारी रोकने की मांग को प्राथमिकता देता।

मौलाना ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी और ईरान के सुप्रीम लीडर मौलाना अली खामनेई से अपील की कि वे बड़े देशों की मध्यस्थता के जरिए गाजा पर इजरायल की बमबारी को रुकवाने के लिए दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी देशों से शांति और बातचीत के रास्ते अपनाने की अपील की, ताकि विश्व में अमन और भाईचारा कायम हो सके। उन्होंने कहा कि हिंसा और युद्ध केवल विनाश लाते हैं, जबकि बातचीत से समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है।

इसके साथ ही मौलाना ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी घटनाओं के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर व्यापक मुहिम चलाई और सांसदों ने दुनिया भर में पाकिस्तान की करतूतों को उजागर किया।

मौलाना ने पाकिस्तान के नेता ख्वाजा आसिफ की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि उनका रवैया आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने वाला रहा है।

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेम प्लेट लगाने वाला बयान सही नहीं है। पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने नेमप्लेट लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया गया। लेकिन जब कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो इसे रोक दिया गया।

Point of View

मैं मानता हूँ कि ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम का ऐलान एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, गाजा के मुद्दे पर ध्यान न देना न केवल स्थायी शांति के लिए खतरा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। हमें हमेशा शांति और बातचीत का मार्ग अपनाना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम कब हुआ?
युद्धविराम हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हुआ।
गाजा में स्थिति क्या है?
गाजा में इजरायल की बमबारी के कारण भारी जनहानि हुई है।
कतर की भूमिका युद्धविराम में क्या है?
कतर के अमीर ने भी बातचीत में अहम भूमिका निभाई।
क्या मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने गाजा के मुद्दे पर चिंता जताई?
हां, उन्होंने गाजा के लोगों की अनदेखी पर चिंता जताई।
भारत-पाकिस्तान के हाल के तनाव पर मौलाना का क्या कहना है?
उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की।