क्या डबल इंजन की सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों की अनदेखी कर रही है? : रमेश चेन्नीथला

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की स्थिति गंभीर है और सरकार को मदद करनी चाहिए।
- कांग्रेस पार्टी किसानों के हक के लिए संघर्ष कर रही है।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देरी चिंता का विषय है।
पुणे, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) के सदस्य और महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्नीथला तथा एआईसीसी सचिव और महाराष्ट्र सह-प्रभारी बीएम संदीप की उपस्थिति में शनिवार को पुणे के कांग्रेस भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान रमेश चेन्नीथला के वॉर रूम का उद्घाटन भी हुआ।
प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए रमेश चेन्नीथला ने केंद्र और राज्य सरकार पर महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित किसानों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपए की सहायता देने का वादा किया था, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है।
चेन्नीथला ने कहा, “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। सभी को उम्मीद थी कि वे बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करेंगे और केंद्र से सहायता मांगेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी केंद्रीय मंत्री ने अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है।
चेन्नीथला ने सवाल उठाया, “किसान संकट में हैं, उनकी हालत दयनीय है। सरकार उनकी मदद के लिए कोई कदम नहीं उठा रही। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहता हूं कि जब वे महाराष्ट्र आएंगे, तो क्या वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे?”
चेन्नीथला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।”
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से बाढ़ प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने और कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
वहीं, हर्षवर्धन सपकाल ने भी किसानों की बदहाली पर चिंता जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके हितों के लिए लगातार संघर्ष करेगी।
बीएम संदीप ने भी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देरी चिंताजनक है। हम किसानों और आम जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे और सरकार को जिम्मेदार बनाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे।