क्या दुर्गति की ओर ले जाती है किसी भी राष्ट्र के भीतर की अराजकता? : सीएम योगी

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क्या दुर्गति की ओर ले जाती है किसी भी राष्ट्र के भीतर की अराजकता? : सीएम योगी

सारांश

गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों की सुरक्षा और दुष्टों के नाश पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आंतरिक अराजकता राष्ट्र की दुर्गति का कारण बनती है। यह संदेश सुरक्षा और समृद्धि के लिए आवश्यक है। जानिए इस संगोष्ठी में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है।
  • दुष्टों का संहार राष्ट्र की सुरक्षा का आधार है।
  • अराजकता दुर्गति की ओर ले जाती है।
  • भारत का इतिहास हमेशा सजग रहा है।
  • समर्पित सैनिक हमारी सुरक्षा का आधार हैं।

गोरखपुर, ५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के साथ-साथ दुष्टों का संहार करके ही कोई राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है। सुरक्षा के माहौल में ही समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के भीतर की अराजकता दुर्गति की ओर ले जाती है।

सीएम योगी ने शुक्रवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की ५६वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की ११वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समसामयिक विषयों पर आयोजित संगोष्ठी श्रृंखला के पहले दिन ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’ विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता की। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य चाणक्य के एक उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि, "कोई राष्ट्र बाहरी रूप से सुरक्षित हो लेकिन आंतरिक तौर पर असुरक्षित हो तो उसे अराजक राष्ट्र माना जाता है। ऐसा अराजक राष्ट्र शीघ्र समाप्त होने के कगार पर होता है। पाकिस्तान इसी तरह के अराजक राष्ट्र का उदाहरण है। आंतरिक अराजकता से वह पूरी तरह खोखला हो चुका है।"

उन्होंने कहा कि अराजकता किसी भी राष्ट्र को दुर्गति की ओर ले जाती है। दुर्गति से अस्तित्व पर संकट होता है। भारत प्राचीनकाल से ही इस पर सजग और सतर्क रहा है। वैदिक काल से ही भारत में यह शिक्षा दी गई है कि धरती हमारी माता है। कोई भी सुयोग्य पुत्र मां के साथ अराजकता बर्दाश्त नहीं कर सकता। भारत मां की आन, बान, शान के प्रति किसी ने दुस्साहस किया तो उसके खिलाफ हर भारतीय खड़ा होगा।

सीएम योगी ने रामायण काल में उपद्रवियों के नाश के लिए प्रभु श्रीराम के ‘निसिचर हीन करहुं महि…’ संकल्प को रामराज की आधारशिला बताया। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ के उद्घोष को संदर्भित करते हुए कहा कि नागरिकों का संरक्षण और दुष्टों का संहार राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपरिहार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिए गए पंचप्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें सेना के जवानों के प्रति सम्मान का भाव रखने का भी एक संकल्प है।

उन्होंने कहा कि नागरिक चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं कि हमारे सैनिक देश के मोर्चे पर माइनस ५० डिग्री तापमान में भी देश की सुरक्षा के लिए जागते रहते हैं। भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। वर्तमान समय में युद्ध के तौर-तरीके बदले हैं। बदली परिस्थितियों में भी हमारी सेना ने दुश्मन को उसकी सीमाओं का एहसास कराया है। मुख्यमंत्री योगी ने देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर याद किया और इस अवसर पर मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस की बधाई सभी शिक्षकों को दी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय समाज को सुरक्षा और समृद्धि के लिए एकजुट होना होगा। सीएम योगी का यह बयान हमें यह याद दिलाता है कि आंतरिक अराजकता राष्ट्र की प्रगति में बाधा डाल सकती है। हमें हर हाल में इसे समाप्त करना होगा।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी का मुख्य संदेश क्या था?
सीएम योगी का मुख्य संदेश था कि नागरिकों की सुरक्षा और दुष्टों का संहार राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
अराजकता किस प्रकार राष्ट्र की दुर्गति का कारण बनती है?
अराजकता से किसी राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा कमजोर होती है, जिससे उसके अस्तित्व पर संकट उत्पन्न होता है।
भारत ने अराजकता का सामना कैसे किया है?
भारत ने अराजकता का सामना प्राचीन काल से सजगता और सतर्कता के साथ किया है।