क्या द्वारका-कानुस रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी एक खुशी का दिन है?
सारांश
Key Takeaways
- द्वारका-कानुस रेल लाइन का दोहरीकरण
- कनेक्टिविटी में सुधार
- सौराष्ट्र का विकास
- परिवहन में वृद्धि
- पीएम मोदी का विकास दृष्टिकोण
जामनगर, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने ₹2,781 करोड़ की लागत वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें गुजरात की द्वारका-कानुस रेल लाइन के दोहरीकरण की योजना भी शामिल है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद पूनमबेन माडम ने कैबिनेट की मंजूरी की सराहना की और इसे महत्वपूर्ण बताया।
भाजपा सांसद पूनमबेन माडम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "जामनगर और द्वारका जिले के लिए यह एक खुशी का दिन है। मोदी कैबिनेट की मंजूरी के बाद हमें आने वाले दिनों में एक बड़ी सुविधा प्राप्त होगी। हम जानते हैं कि राजकोट से जामनगर तक रेलवे के दोहरीकरण की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। अब यह कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2026 के जून तक यह कार्य पूरा होने की दिशा में है।"
उन्होंने आगे कहा, "रेलवे हमारे देश में कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण साधन है। प्रधानमंत्री इस माध्यम से पूरे देश को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत जामनगर और द्वारका जिले के लिए इस परियोजना को प्राथमिकता दी गई है।"
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि गुजरात में द्वारका-कानुस रेल लाइन के दोहरीकरण और मुंबई मेट्रोपॉलिटन एरिया में बदलापुर और कर्जत के बीच तीसरी और चौथी लाइन बनाने को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएँ गुजरात और महाराष्ट्र के चार जिलों को कवर करेंगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 224 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
देवभूमि द्वारका (ओखा)-कानुस रेल लाइन के दोहरीकरण से द्वारकाधीश मंदिर तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी और सौराष्ट्र क्षेत्र का विकास होगा। इसके साथ ही कोयला, नमक, कंटेनर, और सीमेंट जैसे सामान का परिवहन भी सुगम होगा। ये परियोजनाएँ पीएम मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं ताकि लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से मोबिलिटी में सुधार होगा, और भारतीय रेलवे की ऑपरेशनल एफिशिएंसी और सर्विस रिलायबिलिटी भी बेहतर होगी। इसके साथ ही ऑपरेशन्स सरल होंगे और कंजेशन कम होगा। ये प्रोजेक्ट्स पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के अनुसार बनाए गए हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 32 लाख की जनसंख्या वाले 585 गाँवों की कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी।