क्या ईसीआई ने विदेशी मीडिया की पोल खोली? मतदाता सूची में हेराफेरी के विपक्षी दावे को किया खारिज

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क्या ईसीआई ने विदेशी मीडिया की पोल खोली? मतदाता सूची में हेराफेरी के विपक्षी दावे को किया खारिज

सारांश

क्या भारतीय निर्वाचन आयोग ने विदेशी मीडिया की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है? जानिए ईसीआई द्वारा मतदाता सूची में हेरफेर के विपक्षी दावों की सच्चाई और संसद में चल रही सियासी हलचल के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • ईसीआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को भ्रामक बताया।
  • मतदाता सूची में हेरफेर के विपक्षी दावे को खारिज किया गया।
  • बीजेपी पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन किया।
  • विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया की पारदर्शिता को उजागर किया गया।
  • सटीक मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है।

नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र चालू है और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) तथा मतदाता चोरी के आरोपों को लेकर सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, सोशल मीडिया पर विपक्षी नेताओं द्वारा मतदाता सूची में हेरफेर के संबंध में दावे किए जा रहे हैं, जिसका भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने फैक्ट चेक किया है। ईसीआई ने एक रिपोर्ट को 'भ्रामक' साबित किया है।

ईसीआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट को 'मतदान में हेराफेरी का दावा करते हुए विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों भारतीय सांसदों को हिरासत में लिया गया' शीर्षक के साथ मिस लीडिंग बताया है। इस रिपोर्ट में बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की सच्चाई दर्शाते हुए वीडियो के लिंक साझा किए गए हैं। इन वीडियो में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों के प्रतिनिधियों के बयानों का जिक्र है।

ईसीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विपक्षी नेताओं के मतदाता सूची में हेरफेर के दावों को गलत ठहराया। वास्तविकता यह है कि इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि नई दिल्ली में एक प्रदर्शन के दौरान विपक्षी नेताओं को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी पर चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।

ईसीआई ने इस खबर को भ्रामक पाया। सटीक मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करती है।

आयोग ने कहा, "बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया की पारदर्शिता और सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी को उजागर किया गया है। कुछ तथ्य इसकी सत्यता को प्रमाणित करते हैं, जिनमें ईसीआई द्वारा एसआईआर के वास्तविक आदेश और ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले और बाद की बैठकें शामिल हैं।"

गौरतलब है कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'मतदाता चोरी' के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके कारण विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया।

Point of View

हमारा दृष्टिकोण हमेशा देशहित में होता है। इस विषय पर, ईसीआई का स्पष्टता से सामने आना लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। हमें जरूरत है कि हम तथ्यों पर ध्यान दें और सही जानकारी साझा करें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या ईसीआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को भ्रामक बताया?
जी हां, ईसीआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को भ्रामक बताया है।
क्या विपक्षी नेताओं ने मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया?
हां, विपक्षी नेताओं ने मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया है।
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का क्या महत्व है?
यह लोकतंत्र को मजबूत बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।