क्या हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समन के मामले में झटका दिया?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी के समन की अवहेलना के मामले में सीएम हेमंत सोरेन को झटका।
- जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने राहत समाप्त की।
- ट्रायल की प्रक्रिया एमपी-एमएलए कोर्ट में जारी रहेगी।
रांची, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से एक महत्वपूर्ण झटका मिला है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने 4 दिसंबर 2024 को उन्हें दी गई अंतरिम राहत को समाप्त करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट को ट्रायल की प्रक्रिया जारी रखने का आदेश दिया है।
ईडी ने CJM कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ 19 फरवरी 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी। एजेंसी का कहना है कि रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले की जांच के लिए हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को समन भेजा गया था। इसके बाद उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर, 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को समन भेजे गए थे।
कुल मिलाकर उन्हें 10 समन भेजे गए, लेकिन वह केवल दो समन पर उपस्थित हुए। यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 और आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है। कोर्ट ने ईडी की शिकायत पर सुनवाई के बाद 4 मार्च 2024 को मामला संज्ञान में लिया था, और बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया।
हेमंत सोरेन ने कोर्ट के संज्ञान लेने को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने ईडी के समनों का लिखित जवाब दिया था। वह नए समन पर ईडी के सामने उपस्थित हुए थे। ईडी के बार-बार समन भेजने को उन्होंने दुर्भावना से प्रेरित बताया और शिकायत को निरस्त करने की मांग की।
इस पर पहले हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दी थी, लेकिन मंगलवार को हुई सुनवाई में सोरेन के अधिवक्ता ने राहत बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। अब एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 28 नवंबर को होगी, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन को उपस्थित होना अनिवार्य होगा।