क्या मुंबई में घर खरीदारों से धोखाधड़ी मामले में ईडी की कार्रवाई ने सबको चौंका दिया?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की कार्रवाई ने धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाया है।
- जयेश तन्ना की संपत्ति कुर्क की गई है, जो 2017 में अर्जित की गई थी।
- खरीदारों को 85.75 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- पुलिस ने इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की है।
- जांच में आगे की कार्रवाई जारी है।
मुंबई, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने जयेश विनोद कुमार तन्ना और उनकी पत्नी की इंग्लैंड (यूके) में स्थित अचल संपत्ति को कुर्क किया है।
ईडी के मुंबई जोनल ऑफिस ने बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए जयेश तन्ना और उनके परिवार की संपत्ति को कुर्क किया।
जांच से यह पता चला है कि कुर्क की गई संपत्ति, जो कि भूमि और भवन के रूप में है, को जयेश तन्ना ने 2017 में 2.07 लाख पाउंड की अपराध आय को यूके में स्थानांतरित करके अर्जित किया था। यह राशि निवेशकों और फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करके प्राप्त की गई थी।
इस मामले में मुंबई पुलिस ने साईं ग्रुप के प्रमोटर जयेश तन्ना, दीप तन्ना और अन्य के खिलाफ आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद ईडी ने 2024 में एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि साईं ग्रुप के प्रमोटरों ने अपने प्रस्तावित पुनर्विकास परियोजनाओं में फ्लैट और दुकान खरीदारों के पैसे को अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए गैरकानूनी तरीके से डायवर्ट किया, जिससे परियोजनाएं पूरी नहीं हो पाईं।
इस तरह, मुंबई के डीएन नगर, अंधेरी, कांदिवली और गोरेगांव के विभिन्न परियोजनाओं में खरीदारों, पुराने किराएदारों (मूल सोसायटी सदस्यों) और निवेशकों को 85.75 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। अब तक ईडी ने इस मामले में 35.65 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है और आगे की जांच जारी है।