क्या 'माई क्लब ट्रेडर्स' के मास्टरमाइंड पर ईडी की कार्रवाई हुई है, 3.78 करोड़ की संपत्ति कुर्क?

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क्या 'माई क्लब ट्रेडर्स' के मास्टरमाइंड पर ईडी की कार्रवाई हुई है, 3.78 करोड़ की संपत्ति कुर्क?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने 'माई क्लब ट्रेडर्स' के मास्टरमाइंड पर कार्यवाही करते हुए 3.78 करोड़ की संपत्ति कुर्क की। इस फर्जी निवेश योजना ने हजारों लोगों को ठगा। जानिए इस पूरे मामले की गहराई।

Key Takeaways

  • ईडी ने 3.78 करोड़ की संपत्तियाँ कुर्क की हैं।
  • यह योजना एक पॉन्जी स्कीम थी।
  • मोहम्मद फैसल और अबू सुफियान के खिलाफ कार्रवाई की गई।
  • धोखाधड़ी के लिए फर्जी निवेश योजना का इस्तेमाल किया गया।
  • जांच जारी है और और भी जानकारी सामने आ सकती है।

कोच्चि, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोच्चि जोनल ऑफिस ने केरल में कथित पॉन्जी स्कीम चलाने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 3.78 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। ये संपत्तियां उस अपराध से अर्जित धन के बराबर मूल्य की हैं, जिसे मोहम्मद फैसल, अबू सुफियान और उनके सहयोगियों ने 'माई क्लब ट्रेडर्स' नामक फर्जी निवेश योजना के जरिए आम निवेशकों से ठगी कर इकट्ठा किया था।

कुर्क की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, आवासीय परिसर, वाणिज्यिक भूखंड पर निर्मित ऑफिस बिल्डिंग तथा मोहम्मद फैसल और उनके सहयोगियों व कंपनियों के बैंक खातों में जमा धन शामिल है।

ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि जांच विभिन्न एफआईआर के आधार पर शुरू हुई, जिन्हें केरल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 सहित अन्य प्रावधानों के तहत दर्ज किया था। इन शिकायतों में आरोप था कि 'माई क्लब ट्रेडर्स' नाम की योजना में भारी रकम निवेश के नाम पर जनता से वसूली गई और धोखाधड़ी की गई।

जांच में सामने आया कि मोहम्मद फैसल, अबू सुफियान और उनके नेटवर्क ने लोगों को निवेश पर अविश्वसनीय लाभ का लालच दिया। निवेशित राशि पर हर कार्य दिवस में 1 फीसदी तक मुनाफे का झांसा दिया गया, जो आर्थिक रूप से असंभव है। यह एक पिरामिड-शैली की मनी सर्कुलेशन योजना थी, जिसे क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग और अन्य व्यवसायों की आड़ में वैध दिखाया गया।

ईडी ने बताया कि नए निवेशक जोड़ने पर 10 फीसदी बाइनरी कमीशन का वादा किया जाता था, ताकि इसमें अधिक से अधिक लोग शामिल हों और पुराने निवेशकों को भुगतान किया जा सके, लेकिन योजना का आधार ही यही था कि पुराने ग्राहकों को नए निवेशकों की राशि से भुगतान किया जाए। जैसे ही निवेशकों की आवक धीमी हुई, स्कीम ध्वस्त हो गई और न तो मूलधन वापस किया गया, न ही वादे के मुताबिक लाभ मिला।

धनराशि का बड़ा हिस्सा नकद में वसूला गया, ताकि किसी एजेंसी को इसकी भनक न लगे। बाद में इस पैसे को शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर संपत्तियों में बदला गया। ईडी ने इसी साल 4 जून को पांच स्थानों पर छापेमारी की थी, जहां से भारी मात्रा में आपत्तिजनक कागजात, डिजिटल सामग्री, निवेशकों की सूची, नकद लेन-देन का रिकॉर्ड और वित्तीय दस्तावेज बरामद किए गए थे।

एजेंसी के मुताबिक, यह पूरा नेटवर्क सुनियोजित तरीके से जनता को भ्रमित कर रहा था और अवैध माध्यमों से कमाई कर संपत्तियां जुटा रहा था। ईडी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।

Point of View

यह मामला हमें यह बताता है कि कैसे अवैध निवेश योजनाएँ आम जनता को ठगी का शिकार बना सकती हैं। हमें सतर्क रहना चाहिए और ऐसे फर्जी निवेश योजनाओं से दूर रहना चाहिए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कितनी संपत्तियाँ कुर्क की हैं?
ईडी ने कुल 3.78 करोड़ रुपए की संपत्तियाँ कुर्क की हैं।
'माई क्लब ट्रेडर्स' क्या है?
'माई क्लब ट्रेडर्स' एक फर्जी निवेश योजना है, जिसमें लोगों से ठगी की गई।
इस मामले में जांच किसने शुरू की?
जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुरू की थी।
क्या इस योजना में निवेश करना सुरक्षित था?
नहीं, यह योजना पूरी तरह से धोखाधड़ी थी और इसमें निवेश करना सुरक्षित नहीं था।
क्या इस मामले में और भी लोग शामिल हैं?
हां, इस मामले में मोहम्मद फैसल, अबू सुफियान और उनके सहयोगी शामिल हैं।
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