क्या सूरत में ईडी ने साइबर ठग मकबूल की 2.13 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने साइबर ठगी के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
- डॉ. मकबूल और परिवार की संपत्तियां कुर्क की गई हैं।
- गिरोह ने 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।
- जांच जारी है और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
सूरत, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूरत में ईडी ने साइबर ठगी के मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए डॉ. मकबूल अब्दुल रहमान और उनके परिवार की तीन संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है, जिनकी कुल कीमत 2.13 करोड़ रुपए है। ईडी की सूरत सब-जोनल ऑफिस ने 17 नवंबर को यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की।
यह पूरा गिरोह काफी समय से साइबर फ्रॉड की बड़ी गतिविधियों में लिप्त था। मकबूल, उनके दोनों बेटे डॉ. काशिफ मकबूल और डॉ. बस्साम मकबूल डॉक्टर हैं और उनके कई साथी मिलकर लोगों को तरह-तरह से ठगते थे। कभी डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाते, कभी फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसे दोगुना करने का लालच देते, तो कभी सुप्रीम कोर्ट, ईडी, पुलिस जैसी बड़ी एजेंसियों के नाम पर फर्जी नोटिस भेजकर लोगों को डराते और ब्लैकमेल करते। इस तरह इन लोगों ने 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।
ये लोग बहुत चालाक थे और ठगी का पैसा सीधे अपने अकाउंट में नहीं लेते थे, बल्कि अपने कर्मचारियों, किराए के लोगों या साथियों के नाम पर कई बैंक अकाउंट खुलवाते थे। उन अकाउंट्स का संचालन करने के लिए प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड भी फर्जी तरीके से बनवाते थे। जो पैसा इन अकाउंट्स में आता था, उसे ये लोग हवाला ऑपरेटरों को भेज देते थे। हवाला ऑपरेटर नकद में पैसे लेकर उसे क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) में बदल देते थे।
ईडी की टीम ने सूरत पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच के आधार पर छापेमारी शुरू की और पूरा मामला उजागर हो गया। अब तक डॉ. मकबूल, उनका बेटा काशिफ, महेश मफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पांड्या ये चार लोग ईडी की गिरफ्त में हैं। तीन संपत्तियां कुर्क हो चुकी हैं और 2.13 करोड़ की संपत्ति पर ताला लग गया है।
जांच अभी जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस धोखाधड़ी के खेल में किन-किन लोगों का नाम शामिल है। इसके साथ ही अकाउंट्स और इस तरह के अन्य लेनदेन की भी जांच की जा रही है।