क्या ईडी ने इंडियन बैंक को 40 करोड़ रुपए की संपत्ति वापस सौंपी?

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क्या ईडी ने इंडियन बैंक को 40 करोड़ रुपए की संपत्ति वापस सौंपी?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में इंडियन बैंक को 40 करोड़ की संपत्तियां लौटाईं। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है और इसमें बैंक को हुए नुकसान का भी जिक्र है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या है इसका प्रभाव।

Key Takeaways

  • ईडी ने 40 करोड़ रुपए की संपत्तियां इंडियन बैंक को लौटाईं।
  • सरवाना स्टोर्स पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
  • बैंक को इस मामले में 312.13 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
  • जांच ईडी और सीबीआई द्वारा की गई।
  • पीएमएलए के तहत कार्रवाई की गई।

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरवाना स्टोर्स (गोल्ड पैलेस) और उनके साझेदारों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत इंडियन बैंक को 40 करोड़ रुपए की संपत्ति सौंप दी है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इससे पहले, ईडी ने 17 फरवरी, 2025 को बैंक को 235 करोड़ रुपए की तीन संपत्तियाँ लौटाई थीं। इस मामले में कुल वसूली अब 275 करोड़ रुपए हो गई है।

आरोप है कि लोन लेने वाले ने इंडियन बैंक को 312.13 करोड़ रुपए का नुकसान पहुँचाया था। अधिकारी ने कहा कि ईडी द्वारा संपत्तियों को लौटाने की प्रक्रिया पीएमएलए, 2002 की धारा 8(8) के तहत की जा रही है।

ईडी ने इंडियन बैंक की शिकायत पर सीबीआई द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। एफआईआर में आरोप है कि सरवाना स्टोर्स (गोल्ड पैलेस) के साझेदारों ने धोखाधड़ी से 240 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधा का लाभ उठाया, लेकिन फंड को गैर-कानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया।

एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि लोन लेने वाले ने गलत और बढ़ा-चढ़ाकर स्टॉक स्टेटमेंट जमा किए, वर्किंग कैपिटल लिमिट का दुरुपयोग किया, पैसे अपने व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित किए, बैंक की जानकारी के बिना गिरवी रखा स्टॉक हटा दिया और बैंक फंड का उपयोग अन्य स्थानों पर किया।

यह लोन खाता 7 जुलाई, 2019 को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बन गया और बाद में इसे धोखाधड़ी और जानबूझकर डिफॉल्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे इंडियन बैंक को 312.13 करोड़ रुपए का गलत नुकसान हुआ।

पीएमएलए जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने व्यवस्थित तरीके से बैंक फंड को डायवर्ट किया और इसका दुरुपयोग किया।

ईडी ने दो प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के माध्यम से 274.76 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया, जिसे बाद में न्यायिक प्राधिकरण ने 24 जनवरी, 2023 और 27 अक्टूबर, 2023 को पुष्टि की।

इसके बाद ईडी ने 18 जनवरी, 2024 को विशेष अदालत (पीएमएलए) में एक अभियोजन शिकायत दर्ज की।

इंडियन बैंक ने पीएमएलए, 2002 की धारा 8(8) के तहत अटैच की गई संपत्तियों को वापस लाने की मांग की, जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की और ऋणदाता के लाभ के लिए संपत्तियाँ अटैच की गईं।

विशेष अदालत ने 17 फरवरी, 2025 के आदेश से 235 करोड़ रुपए की तीन संपत्तियाँ वापस कर दीं।

इंडियन बैंक ने उच्च न्यायालय और ईडी से 40 करोड़ रुपए की अतिरिक्त संपत्तियाँ मांगी और ईडी ने जनहित और बैंक के बड़े नुकसान को देखते हुए कोई आपत्ति नहीं जताई।

Point of View

NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने क्यों संपत्तियां वापस कीं?
ईडी ने पीएमएलए, 2002 की धारा 8(8) के तहत इंडियन बैंक को संपत्तियां वापस कीं, जो मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा था।
इंडियन बैंक को कितना नुकसान हुआ?
इंडियन बैंक को इस मामले में कुल 312.13 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
सरवाना स्टोर्स का क्या आरोप है?
सरवाना स्टोर्स पर 240 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधा धोखाधड़ी से लेने का आरोप है।
इस मामले में जांच किसने की?
इस मामले में जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई।
क्या संपत्तियों की वसूली हुई?
हाँ, ईडी ने पहले ही 235 करोड़ रुपए की संपत्तियां वापस की थीं और अब 40 करोड़ रुपए की और संपत्तियां लौटाई गईं।
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