क्या एक पाद गलावासन न केवल शरीर, बल्कि मन की एकाग्रता भी बढ़ा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- एक पाद गलवासन से संतुलन में सुधार होता है।
- यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।
- कमर दर्द और जकड़न को दूर करता है।
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि मन को शांति और एकाग्रता को भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ‘एक पाद गलवासन’ एक अद्वितीय योगासन है, जो शरीर के संतुलन और लचीलापन को बढ़ाता है।
हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण योगासन है, लेकिन नियमित अभ्यास से इसे आसानी से सीखा जा सकता है। ‘एक पाद गलवासन’, जिसे ‘फ्लाइंग पीजन पोज’ भी कहा जाता है, में एक पैर हवा में उठाया जाता है और शरीर का पूरा वजन हाथों पर संतुलित होता है। यह आसन कूल्हों को खोलता है, भुजाओं और कोर को मजबूत करता है, और मानसिक संतुलन और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। इस योगासन के लिए शारीरिक और मानसिक शक्ति दोनों की आवश्यकता होती है।
इसके नियमित अभ्यास से लचीलापन और स्टैमिना में सुधार होता है। यह कमर दर्द और शरीर में जकड़न को भी कम करता है।
इसके साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। इस आसन के दौरान पेट की मांसपेशियों की मालिश होती है, जिससे पाचन तंत्र भी बेहतर रहता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा पादांगुलि शक्ति विकासक क्रिया के अभ्यास की सरल विधि बताता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर एक पैर को दूसरे पैर पर मोड़ें और फिर हाथों के बल नीचे बैठें। इसके बाद, दोनों हाथों के बल पैर और कमर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। अपनी क्षमता अनुसार इस अवस्था में बने रहें और फिर सामान्य अवस्था में लौटें।
‘एक पाद गलवासन’ के नियमित अभ्यास से संतुलन में सुधार होता है और थकान कम होती है। हालांकि, इसे शुरू में किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए। यदि आपको कलाई में कोई पुरानी या हाल की चोट है या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो इस आसन का अभ्यास न करें।