क्या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बोरीवली में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- गणपति विसर्जन का महत्व समझें।
- धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने वाले आयोजन।
- स्वामी जी की मराठी सीखने की सराहना।
- पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन की अपील।
- कृषकों और आम जनता के लिए प्रार्थना।
मुंबई, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बोरीवली में शनिवार को ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज से मुलाकात की। इस अवसर पर शिंदे ने स्वामी जी की मराठी सीखने और बोलने की कोशिश की सराहना की। साथ ही, उन्होंने प्रदेशवासियों को गणपति विसर्जन की शुभकामनाएं भी दी।
एकनाथ शिंदे ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वामी जी ने चातुर्मास के आयोजन के माध्यम से धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने स्वामी जी के सामाजिक और धार्मिक कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि उनके मार्गदर्शन से समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
गणपति विसर्जन के मौके पर शिंदे ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गणपति बप्पा संकट हरने वाले हैं। उनके आशीर्वाद से महाराष्ट्र में सुख, समृद्धि और विकास का नया दौर आएगा। उन्होंने भगवान गणेश से किसानों, बहनों-भाइयों और समस्त जनता की उन्नति के लिए प्रार्थना की। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जीएसटी स्लैब कम करने के निर्णय के लिए धन्यवाद दिया, जिससे आम जनता और व्यापारियों को राहत मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने गणेश उत्सव के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह पर्व महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पर्यावरण के प्रति जागरूक रहकर गणपति विसर्जन को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से करें।
शिंदे ने स्वामी जी के चातुर्मास आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह धार्मिक एकता और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करता है। मुलाकात के दौरान उन्होंने स्वामी जी के साथ विभिन्न सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने स्वामी जी के मराठी में संवाद करने के प्रयास को प्रेरणादायी बताया और कहा कि यह महाराष्ट्र की संस्कृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।