क्या बिहार के बाद अब पूरे देश में एसआईआर कराने की तैयारी है? चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बुलाई बैठक

सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर का आयोजन पूरे देश में हो सकता है।
- चुनाव आयोग की बैठक में सभी राज्यों के सीईओ शामिल होंगे।
- विपक्षी दलों का विरोध और राजनीतिक तनाव जारी है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने पक्षपात के आरोपों को खारिज किया।
- चुनाव आयोग सभी मतदाताओं के लिए निष्पक्षता से खड़ा है।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर मचे बघमासां के बीच भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) अब इसे पूरे देश में कराने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने १० सितंबर को दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) की एक बैठक बुलाई है।
बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के अलावा सभी राज्यों के चुनाव आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
बिहार में चलाया गया एसआईआर अभियान एक राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है। राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस, सपा सहित कई विपक्षी दलों ने बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने पर विरोध दर्ज कराया है। साथ ही चुनाव आयोग पर कई सवाल उठाए हैं।
चूंकि अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव आयोग पूरे देश में एसआईआर करा सकता है, जिससे सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक जंग फिर से छिड़ने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने एसआईआर अभियान का विरोध किया है, जबकि भाजपा शासित राज्यों ने चुनाव आयोग का समर्थन किया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने पिछले महीने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार में एसआईआर को लेकर आयोग पर लगे पक्षपात के आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर और चुनाव निकाय तथा मतदाताओं, दोनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर मतदाताओं को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
किसी भी पार्टी का नाम लिए बिना मुख्य चुनाव आयुक्त ने अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष के इस दावे का जवाब दिया कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलीभगत कर रहा है।
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ज्ञानेश कुमार ने कहा था, "जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर और मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है तो चुनाव आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह बिना किसी भेदभाव और निबेक होकर सभी मतदाताओं - गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा और हर धर्म के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।"
-राष्ट्र प्रेस
वीसी