क्या संसद सत्र में शामिल होने के लिए इंजीनियर राशिद को मिली कस्टडी पैरोल?

सारांश
Key Takeaways
- इंजीनियर राशिद को कस्टडी पैरोल की अनुमति दी गई है।
- यह कस्टडी पैरोल २४ जुलाई से ४ अगस्त तक मान्य है।
- एनआईए ने उनकी जमानत का विरोध किया था।
- राशिद २०१९ से तिहाड़ जेल में हैं।
- उन्होंने लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी।
नई दिल्ली, २५ मार्च (राष्ट्र प्रेस)। पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद को संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए कस्टडी पैरोल की अनुमति दे दी है। कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद राशिद मानसून सत्र में भाग ले सकेंगे। अदालत ने उन्हें २४ जुलाई से ४ अगस्त तक संसद सत्र में शामिल होने के लिए कस्टडी पैरोल दिया है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए इंजीनियर राशिद द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। बारामूला के सांसद ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए अंतरिम जमानत या कस्टडी पैरोल की मांग की थी। राशिद के वकील ने पहले दलील दी थी कि उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और कस्टडी पैरोल को मंजूरी दे दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में आरोपी राशिद की कस्टडी पैरोल की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसी क्रम में अदालत ने इंजीनियर राशिद की कस्टडी पैरोल की मंजूरी दी।
एनआईए ने राशिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संसद सत्र में शामिल होना किसी सांसद का संवैधानिक अधिकार नहीं है। राशिद पर गंभीर आरोप हैं, और यदि वह संसद में कुछ कहते हैं, तो उसकी गंभीरता क्या होगी? दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि यदि राशिद कोई राजनीतिक बयान देते हैं, तो इससे समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और इस तरह के आरोपियों के साथ अलग तरीके से पेश आना चाहिए।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद को रिहा करने की मांग की थी। सांसद राशिद २०१७ के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से २०१९ से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव में उत्तरी कश्मीर की बारामूला सीट से उमर अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक वोटों से हराया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।