क्या इथियोपिया के सर्वोच्च सम्मान से पीएम मोदी का सम्मान, 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है।
- यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, न कि केवल मोदी का।
- बृज लाल ने इसे गर्व का क्षण बताया है।
- कांग्रेस की आलोचनाओं का जवाब दिया गया है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद बृज लाल ने इसे देश के लिए गर्व का अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल प्रधानमंत्री मोदी का नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों का सम्मान है।
बृज लाल ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "इथियोपिया से हमारे प्रधानमंत्री को मिला यह सर्वोच्च सम्मान पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। आज हमारे प्रधानमंत्री विश्व के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं। पूरा विश्व, विशेषकर अफ्रीका और एशिया के देश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है और यह सम्मान उसी का प्रमाण है।"
इस अवसर पर बृज लाल ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के संबंध में कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर भी तीखा प्रहार किया। कांग्रेस की आलोचना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हमेशा से भारत को अपमानित करने की नीति रही है। राहुल गांधी जब विदेश जाते हैं, तो भारत की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसा सफल सैन्य अभियान पूरी दुनिया में सराहा गया है।
भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं और पाकिस्तान परस्त सोच रखते हैं। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान देश की सेना का मनोबल तोड़ने वाले हैं।
ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन के पहले दिन ही भारत पूरी तरह हार गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस दौरान सेना की एक किलोमीटर तक की मूवमेंट नहीं हुई और दो-तीन दिनों तक केवल हवाई और मिसाइल युद्ध ही हुआ। चव्हाण ने आगे सवाल उठाया कि यदि भविष्य के युद्ध ऐसे ही लड़े जाएंगे तो क्या 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की आवश्यकता है, या फिर उन्हें किसी अन्य कार्य में लगाया जा सकता है।
दूसरी ओर, बृज लाल ने एसआईआर को लेकर पश्चिम बंगाल की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बंगाल में 58 लाख वोट डाले गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि ये वोट किस प्रकार के हैं। कई मामलों में लोग स्थान बदल चुके हैं, कुछ लोग मर चुके हैं, फिर भी उनके नाम पर वोट डाले जा रहे हैं। फर्जी और दोहरे मतदान की समस्या गंभीर है।
बृज लाल ने आरोप लगाया कि बंगाल में रोहिंग्याओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी भी एक बड़ी समस्या है। पहले वामपंथियों और अब ममता बनर्जी सरकार ने रोहिंग्याओं को बसने दिया। जो अतिरिक्त वोट डाले गए हैं, उनमें से अधिकांश विदेशियों के हैं। लोकतंत्र में वोट देने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है, रोहिंग्याओं को नहीं।