क्या ईयू और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं?

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क्या ईयू और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं?

सारांश

यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल में हुई एफईबीआई की वार्षिक बैठक में ईयू के राजदूत ने महत्वपूर्ण उपलब्धियों का जिक्र किया है। जानें कैसे ये संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में तेज वृद्धि हो रही है।
  • एफईबीआई ने पहले वर्ष में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
  • भारत में 6,000 से अधिक यूरोपीय संघ की कंपनियां मौजूद हैं।
  • यूरोपीय संघ ने 30 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं।
  • 2024 में यूरोपीय संघ का कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 5 प्रतिशत है।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं। हाल ही में फेडरेशन ऑफ यूरोपियन बिजनेस इन इंडिया (एफईबीआई) की दूसरी वार्षिक आम बैठक में भारत में ईयू के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने बताया कि एफईबीआई ने अपने पहले वर्ष में ही महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हासिल किया है।

जानकारी के अनुसार, फेबी का आधिकारिक उद्घाटन 11 अक्टूबर 2024 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में हुआ था।

एफईबीआई के अध्यक्ष रेमी मैलार्ड ने एक वर्ष बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह पर एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। ईयू राजदूत हर्वे डेल्फिन ने रेमी को बधाई देते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शिता और समर्पण के बिना फेबी की सफलता संभव नहीं थी। मुझे विश्वास है कि अपनी ऊर्जा, रचनात्मकता और उद्देश्य की भावना से आप फेबी की कहानी में एक नया सफल अध्याय लिखेंगे।

फेबी की स्थापना के बाद से यूरोपीय व्यवसाय भारत में मजबूती से उभर रहे हैं। एफईबीआई में 160 से अधिक सदस्य कंपनियां हैं, जो भारत में यूरोपीय व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करती हैं। ईयू राजदूत ने हाल ही में भारत में यूरोपीय संघ के व्यापार के बारे में एक सर्वेक्षण के परिणाम साझा किए।

इस सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 6,000 यूरोपीय संघ की कंपनियां हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। ये कंपनियां जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और गुजरात से लेकर असम तक लगभग हर भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में स्थित हैं।

सर्वेक्षण में बताया गया है कि यूरोपीय संघ की कंपनियों ने भारत में 30 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं। ये रोजगार उच्च गुणवत्ता और अच्छी तनख्वाह वाले हैं। इसके साथ ही लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए हैं। 2024 में, भारत में यूरोपीय संघ की कंपनियों ने कुल 186 अरब यूरो का कारोबार किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 5 प्रतिशत है।

यूरोपीय संघ की कंपनियों ने 23.5 अरब यूरोवास्तविक लाभ दर्शाते हैं।

एफईबीआई और भारत में यूरोपीय व्यापार का पूरा समुदाय भारत के विकास के साथ-साथ यूरोपीय संघ-भारत साझेदारी का हिस्सा है। यूरोपीय संघ के व्यवसाय भारत को एक आकर्षक बाजार के रूप में देखते हैं। भारत का बाजार यूरोपीय संघ के व्यवसायों के लिए गंभीर चुनौतियों के साथ ही बड़े अवसर भी प्रदान करता है। यही कारण है कि यूरोपीय संघ की कंपनियां यहां के बाजार में निवेश कर रही हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रही हैं। इन कंपनियों के माध्यम से भारत में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। यूरोपीय कंपनियां भारत के 'मेक इन इंडिया' विचार को आगे बढ़ा रही हैं।

-- राष्ट्र प्रेस

कनक/डीएससी

Point of View

बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करते हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है जो भविष्य में और अधिक संभावनाएं खोल सकता है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

ईयू और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में क्या वृद्धि हो रही है?
हां, हाल ही में व्यापारिक संबंधों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। ईयू की कंपनियों ने भारत में महत्वपूर्ण निवेश किया है।
एफईबीआई का क्या महत्व है?
एफईबीआई ने भारतीय बाजार में यूरोपीय व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
भारत में कितनी यूरोपीय संघ की कंपनियां हैं?
भारत में लगभग 6,000 यूरोपीय संघ की कंपनियां हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
यूरोपीय संघ की कंपनियों ने भारत में कितने रोजगार सृजित किए हैं?
यूरोपीय संघ की कंपनियों ने भारत में 30 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं।
भारत में यूरोपीय संघ का व्यापार कितना है?
2024 में, भारत में यूरोपीय संघ की कंपनियों ने कुल 186 अरब यूरो का कारोबार किया।