क्या मौलाना शहाबुद्दीन ने 'हक' फिल्म पर विवादित टिप्पणी की?
सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'हक' ने तीन तलाक जैसे मुद्दे को उठाया है।
- मौलाना शहाबुद्दीन ने इसे विवादित बताया है।
- फिल्म इंडस्ट्री में हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल का चलन बढ़ रहा है।
- समाज में ऐसे मुद्दों पर समझदारी से बात करने की आवश्यकता है।
- मुस्लिम महिलाओं को फिल्म देखने से मना किया गया है।
बरेली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फिल्म 'हक' पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में अब ऐसा चलन बन गया है कि हर कहानी में हिन्दू-मुस्लिम का टकराव खोज लिया जाता है। ‘हक’ फिल्म भी इसी परंपरा की एक कड़ी है।
उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री, सरकार और मीडिया अब मुसलमानों की कमजोरियों को पहचानने में माहिर हो गए हैं। यह फिल्म मुसलमानों के बीच तीन तलाक जैसे मुद्दे को उभारने और समुदाय को विवादों में खींचने का प्रयास करती है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ‘हक’ फिल्म पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह फिल्म तीन तलाक जैसे मुद्दे को उभारने और समुदाय को विवादों में खींचने का प्रयास कर रही है। आजकल फिल्म इंडस्ट्री को यह शौक हो गया है कि कोई न कोई ऐसी कहानी बनाई जाए जिसमें हिन्दू-मुस्लिम का टकराव दिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि ‘हक’ फिल्म में भारत सरकार द्वारा बनाए गए तीन तलाक कानून को केंद्र में रखकर कहानी का निर्माण किया गया है, जो सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं को प्रभावित करने का प्रयास करती है। 1985 में शाह बानो मामले के दौरान देशभर में जिस तरह का हंगामा हुआ था, उसी मुद्दे को फिर से पर्दे पर लाने का यह प्रयास है।
रजवी ने एक पुरानी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि अगर मुस्लिम धर्मगुरु अपनी धार्मिक जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाते, तो सरकार को तीन तलाक कानून बनाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
उन्होंने कहा कि सरकार को मजबूरन मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह कानून बनाना पड़ा। उन्होंने बताया कि उन्होंने बचपन से आज तक कोई फिल्म नहीं देखी है और न ही वह मुस्लिम महिलाओं से यह कहेंगे कि वे ‘हक’ फिल्म देखें।
उन्होंने अपील की कि लोग ऐसे मुद्दों पर भावनाओं में बहने के बजाय समझदारी से काम लें, क्योंकि ऐसी फिल्में समाज में भ्रम और फूट डालने का एक साधन बनती हैं।