क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असम में टाटा ग्रुप के निर्माणाधीन सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया?

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क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असम में टाटा ग्रुप के निर्माणाधीन सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया?

सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असम के जगीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया। यह प्लांट न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा, बल्कि पूर्वोत्तर को तकनीकी विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका देगा। जानिए इस परियोजना के बारे में और क्या सोचती हैं मंत्री सीतारमण।

Key Takeaways

  • निर्मला सीतारमण ने असम में सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया।
  • प्लांट में 27,000 करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है।
  • यह प्लांट रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
  • इससे भारत की सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी।
  • यह इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।

गुवाहाटी, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को असम के मोरीगांव जिले के जगीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (टीईएल) के निर्माणाधीन सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का दौरा किया।

इस दौरान, वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की और प्लांट के विकास की निगरानी कर रहे अधिकारियों व इंजीनियरों से बातचीत की।

उन्होंने कार्यान्वयन की गति की सराहना की और कहा कि पूर्वोत्तर में इस प्रकार के प्रोजेक्ट्स सभी क्षेत्रों में संतुलित औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

सीतारमण ने कहा, "यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।"

उन्होंने आगे कहा, "यह न केवल असम और उसके पड़ोसी राज्यों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी, बल्कि पूर्वोत्तर को देश की टेक्नोलॉजी-संचालित वृद्धि की कहानी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करेगी।"

टाटा ग्रुप की ओर से इस सेमीकंडक्टर प्लांट में 27,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। इस प्लांट में सेमीकंडक्टर चिप्स की असेंबली और टेस्टिंग की जाएगी।

इस प्लांट के संचालन शुरू होने के बाद भारत की हाई-वैल्यू सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इससे देश के सेमीकंडक्टर आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी।

मोरीगांव प्लांट, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत सरकार समर्थित सेमीकंडक्टर पहलों के एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है।

केंद्र की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) और डिजाइन-आधारित प्रोत्साहन (डीएलआई) योजनाएं इस क्षेत्र में बड़े निजी निवेश को आकर्षित करने में सहायक रही हैं, जिससे चिप निर्माण, असेंबली और डिजाइन के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम को बढ़ावा मिला है।

अधिकारियों ने बताया कि जगीरोड प्लांट उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, दूरसंचार और औद्योगिक उपकरणों में उपयोग होने वाले एडवांस सेमीकंडक्टर उपकरणों की असेंबली और टेस्टिंग प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Point of View

यह परियोजना न केवल असम बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और तकनीकी विकास में पूर्वोत्तर का योगदान बढ़ेगा। यह सरकार की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

सेमीकंडक्टर प्लांट का उद्देश्य क्या है?
यह प्लांट सेमीकंडक्टर चिप्स की असेंबली और टेस्टिंग करेगा, जिससे भारत की सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी।
इस परियोजना में कितना निवेश किया जा रहा है?
टाटा ग्रुप इस परियोजना में 27,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है।
यह प्लांट कब शुरू होगा?
प्लांट के संचालन की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन यह जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
इस प्लांट से कितने रोजगार के अवसर पैदा होंगे?
यह प्लांट असम और पड़ोसी राज्यों के युवाओं के लिए कई रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
यह परियोजना किस योजना के तहत आ रही है?
यह प्लांट इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत आ रहा है।