क्या महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस बल ने माओवादियों के स्मारक ध्वस्त किए?

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क्या महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस बल ने माओवादियों के स्मारक ध्वस्त किए?

सारांश

गढ़चिरौली में पुलिस की यह कार्रवाई माओवादी हिंसा के प्रतीकों को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस अभियान की पूरी कहानी और स्थानीय नागरिकों की भूमिका।

Key Takeaways

  • पुलिस और एसआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई
  • माओवादियों के स्मारकों का नष्ट होना
  • स्थानीय नागरिकों के साथ पौधरोपण
  • आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की जानकारी
  • पुलिस का नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन

महाराष्ट्र, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गढ़चिरौली जिले में पुलिस और एसआरपीएफ की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए मौजा कटेझरी और मर्मा के जंगलों में माओवादियों द्वारा स्थापित किए गए दो स्मारकों को नष्ट कर दिया। ये स्मारक लगभग 2–3 वर्ष पुराने थे और अतीत में माओवादी हिंसा के प्रतीक रहे हैं।

पुलिस और एसआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान के दौरान इन स्मारकों को पहचाना और वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देश के तहत उन्हें ध्वस्त कर दिया। इसके बाद, पुलिस ने स्थानीय नागरिकों की सहायता से स्थल पर पौधरोपण कर शांति और सुरक्षा का संदेश दिया।

इस अवसर पर पुलिस टीम ने ग्रामीणों से अपील की कि वे माओवादियों के बहकावे में न आएं और गांव के विकास में सहयोग करें।

पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा कि गढ़चिरौली पुलिस बल का लक्ष्य नागरिकों को माओवादियों के आतंक से मुक्त कराना है। माओवादी स्मारकों का समाज में कोई स्थान नहीं है और किसी को भी ऐसे अवैध निर्माण में भाग नहीं लेना चाहिए।

पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के नेतृत्व में माओवादियों के खिलाफ इस कार्रवाई में एम रमेश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान), सत्य साईं कार्तिक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अहेरी), गोकुल राज जी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन), अनिकेत हिरडे, सहायक पुलिस अधीक्षक (धनोरा) आदि शामिल रहे।

इससे पहले 24 सितंबर को महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई थी। जिले में 6 माओवादियों ने महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला के सामने आत्मसमर्पण किया था। ये सभी माओवादी लंबे समय से जंगलों में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे। आत्मसमर्पण करने वालों पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कुल 62 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था।

पुलिस की जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में भीमन्ना उर्फ वेंकटेश उर्फ सुखलाल मुत्त्या कुलमेथे, उनकी पत्नी विमलक्का सडमेक, इनके साथ एक कमांडर, दो प्रोटेक्शन पार्टी कमिटी मेंबर्स (पीपीसीएम), और एक एरिया कमिटी मेंबर (एसीएम) भी शामिल रहे।

Point of View

यह कार्रवाई न केवल स्थानीय सैन्य बलों के प्रयासों का परिचायक है, बल्कि यह एक मजबूत संकेत भी देती है कि सरकार माओवादी आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

गढ़चिरौली में पुलिस ने माओवादियों के स्मारक क्यों ध्वस्त किए?
पुलिस ने माओवादियों द्वारा स्थापित स्मारकों को नष्ट कर माओवादी हिंसा के प्रतीकों को समाप्त करने का प्रयास किया।
इस कार्रवाई में कौन-कौन शामिल थे?
इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।