क्या ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ विकास की नींव रखना 'जी राम जी' का उद्देश्य है?

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क्या ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ विकास की नींव रखना 'जी राम जी' का उद्देश्य है?

सारांश

प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान द्वारा लिखे गए 'विकसित भारत-जी राम जी' लेख को साझा किया। यह अधिनियम 2025 ग्रामीण विकास और आय सहायता के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध को दर्शाता है। जानिए इसके पीछे की भावना और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव।

Key Takeaways

  • आय सहायता और ग्रामीण विकास का संबंध महत्वपूर्ण है।
  • कृषि स्थिरता को प्राथमिकता दी जा रही है।
  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर जोर दिया गया है।

नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिखे गए लेख 'विकसित भारत-जी राम जी' को साझा किया है। पीएमओ ने बताया कि 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ को आय सहायता और बड़े ग्रामीण विकास के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध के रूप में देखा जा रहा है।

इस लेख में 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ को केवल योजनाओं की एक श्रृंखला के रूप में नहीं, बल्कि आय समर्थन, संपत्ति निर्माण, कृषि स्थिरता और समग्र ग्रामीण विकास को जोड़ने वाले एक व्यापक आर्थिक ढांचे के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

पीएमओ ने बताया कि इस विधेयक को तैयार करने से पहले केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों के साथ व्यापक परामर्श किया था। इसके साथ ही, तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया और किसानों, ग्रामीण समुदायों, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ गहन संवाद स्थापित किया गया ताकि जमीनी जरूरतें और चुनौतियों को समझा जा सके।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस लेख पर पीएमओ ने कहा कि यह जानकारीपूर्ण लेख 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ की मूल भावना को उजागर करता है। यह कानून आय समर्थन, परिसंपत्ति निर्माण, कृषि की दीर्घकालिक स्थिरता और समुदाय के नेतृत्व वाले ग्रामीण विकास को एकीकृत दृष्टिकोण से देखता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और किसानों एवं ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि होती है।

लेख में यह उल्लेख किया गया है कि 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ का उद्देश्य अल्पकालिक सहायता देना नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ विकास की नींव डालना है। इसमें रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे का विकास, कृषि संसाधनों का उपयोग और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने आगे बताया कि 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ ग्रामीण भारत के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लेख में कहा कि अक्सर कहा जाता है कि बदलाव अवसर पैदा करता है। मनरेगा के माध्यम से यूपीए सरकार ने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। 'विकसित भारत-जी राम जी' विधेयक पेश करके हमने कांग्रेस द्वारा छोड़े गए गंभीर मुद्दों को ठीक करने की कोशिश की है। कांग्रेस द्वारा फैलाई गई भ्रम और गलत सूचना का उद्देश्य केवल अपनी नाकामियों को छिपाना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम २०२५ एक महत्वाकांक्षी कदम है जो ग्रामीण विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आवश्यक है। इससे किसानों और ग्रामीण समुदायों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'विकसित भारत-जी राम जी' अधिनियम 2025 का उद्देश्य है?
इस अधिनियम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
इस अधिनियम में कौन से प्रमुख तत्व शामिल हैं?
इसमें आय सहायता, संपत्ति निर्माण, कृषि स्थिरता और स्थानीय समुदायों की भागीदारी शामिल हैं।
क्या यह अधिनियम सिर्फ योजनाओं की एक श्रृंखला है?
नहीं, यह एक व्यापक आर्थिक फ्रेमवर्क है जो विभिन्न पहलुओं को जोड़ता है।
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