क्या सुरक्षित भविष्य के लिए टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता आवश्यक है? : गौतम अदाणी

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क्या सुरक्षित भविष्य के लिए टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता आवश्यक है? : गौतम अदाणी

सारांश

गौतम अदाणी ने आईआईटी खड़गपुर में छात्रों से कहा कि तकनीकी और आर्थिक स्वतंत्रता का महत्व बढ़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी भू-राजनीतिक संकट का सामना कर सके।

Key Takeaways

  • तकनीकी आत्मनिर्भरता अनिवार्य है।
  • 90% सेमीकंडक्टर्स का आयात भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
  • आर्थिक स्वतंत्रता के बिना, हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे रह सकते हैं।
  • रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बदलाव आवश्यक हैं।
  • दूसरा स्वतंत्रता संग्राम आत्मनिर्भरता के लिए है।

खड़गपुर (पश्चिम बंगाल), 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने सोमवार को देश में तकनीकी एवं आर्थिक स्वतंत्रता को सशक्त बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि एक सुरक्षित भविष्य केवल सीमाओं की सुरक्षा से नहीं, बल्कि कई अन्य कारकों पर निर्भर करेगा।

आईआईटी खड़गपुर में छात्रों और शिक्षकों के समक्ष बोलते हुए, अरबपति उद्योगपति ने कहा कि आज की असली चुनौती टेक्नोलॉजी में नेतृत्व प्राप्त करने की है, न कि केवल वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कम लागत वाले प्रतिभागी बने रहने की।

गौतम अदाणी ने अपने भाषण में कहा, "देश में 90 प्रतिशत सेमीकंडक्टर्स का आयात किया जाता है। एक बड़ा बदलाव या प्रतिबंध पूरे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। वहीं, हम अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल भी आयात करते हैं। एक छोटा भू-राजनीतिक घटनाक्रम देश की विकास दर को प्रभावित कर सकता है।"

अदाणी समूह के अध्यक्ष ने आगे कहा, "जब हमारा डेटा भारत की सीमाओं को पार करता है, तो यह विदेशी एल्गोरिदम के लिए कच्चा माल बन जाता है, जो विदेशों में धन उत्पन्न करता है और विदेशी प्रभुत्व को बढ़ाता है। वहीं, सैन्य निर्भरता के मामले में, हमारी कई महत्वपूर्ण प्रणालियां आयातित हैं, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को अन्य देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति और आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ती हैं। यदि हमें वास्तव में स्वतंत्र होना है, तो हमें अब आत्मनिर्भरता की स्वतंत्रता के लिए लड़ना होगा।"

वैश्विक स्तर पर तेजी से हो रहे परिवर्तनों पर गौतम अदाणी ने कहा कि वर्तमान में चल रही तकनीकी क्रांति पहले कभी नहीं देखी गई है।

रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उद्योग को नया रूप दे रहे हैं, ऐसे में उन्होंने चेतावनी दी कि लागत लाभ रातोंरात गायब हो सकते हैं, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता खतरे में पड़ सकती है।

छात्रों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि दुनिया ने इस पैमाने की औद्योगिक और बुद्धिमत्ता क्रांति पहले कभी नहीं देखी।

गौतम अदाणी ने मौजूदा समय को भारत का "दूसरा स्वतंत्रता संग्राम" बताया, जहां बदलाव में विफल रहने वाली कंपनियां और संस्थान समाप्त हो सकते हैं, जबकि परिवर्तन लाने वाली कंपनियां वैश्विक प्रभुत्व हासिल कर सकती हैं।

Point of View

भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकता है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है कि कैसे एक छोटे से भू-राजनीतिक घटनाक्रम से हमारी आर्थिक विकास दर प्रभावित हो सकती है। यह समय है कि हम आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

गौतम अदाणी ने किस विषय पर बात की?
गौतम अदाणी ने तकनीकी और आर्थिक स्वतंत्रता की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत की सेमीकंडक्टर निर्भरता कितनी है?
भारत में 90 प्रतिशत सेमीकंडक्टर्स का आयात किया जाता है।