क्या गौतमबुद्ध नगर में डॉग बाइट्स का खतरा बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- गौतमबुद्ध नगर में डॉग बाइट्स के मामले बढ़ रहे हैं।
- स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 95% मामले डॉग बाइट्स के हैं।
- आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि चिंता का विषय है।
- तुरंत चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है।
गौतमबुद्ध नगर, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में इस वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच डॉग बाइट्स के डरावने आंकड़े सामने आए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन सात महीनों में कुल 1,07,632 पशु काटने के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से करीब 95 प्रतिशत मामले डॉग बाइट्स के हैं।
अब तक 73,754 मामले आवारा कुत्तों के काटने और 24,856 मामले पालतू कुत्तों के काटने के सामने आए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, औसतन हर महीने करीब 14,000 डॉग बाइट्स के केस दर्ज हो रहे हैं। इनमें जनवरी में 13,559, फरवरी में 15,830, मार्च में 15,131, अप्रैल में 15,286, मई में 14,744 और जून में 14,831 मामले सामने आए। जुलाई में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा रहा, जब एक ही महीने में 18,251 लोग कुत्तों और अन्य जानवरों के काटने के शिकार हुए।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर रोजाना करीब 500 लोग रेबीज का टीका लगवाने पहुंचते हैं। डॉग बाइट्स के अलावा 2,188 बिल्ली काटने, 6,209 बंदर काटने और 625 अन्य जानवरों के काटने के मामले भी दर्ज हुए हैं।
अगर बाइट के प्रकार की बात करें तो कैट- 2 श्रेणी के मामले (त्वचा पर हल्की चोट या खरोंच) सबसे ज्यादा हैं। इसके अब तक 96,636 केस आए हैं। वहीं, कैट- 3 श्रेणी (गहरी चोट या खून निकलने की स्थिति) के 10,996 मामले दर्ज हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके प्रमुख कारण आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या, ठोस कचरे का खुले में जमा होना और टीकाकरण की कमी हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि किसी भी जानवर के काटने पर तुरंत घाव को साबुन और पानी से धोएं और बिना देर किए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवाएं।