क्या प्रधानमंत्री आवास योजना ने गायत्री का सपना पूरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री आवास योजना ने कई परिवारों को पक्के मकान दिए हैं।
- यह योजना गरीबों के लिए एक आसरा बनी है।
- गायत्री घोडके की कहानी इस योजना की सफलता का एक उदाहरण है।
- इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।
- यह योजना आर्थिक विकास में सहायक है।
लातूर, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मोदी सरकार ने कई लाभकारी योजनाएं लागू की हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना भी इनमें से एक है। इस योजना का लाभ उठाकर महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा शहर की गायत्री घोडके के चेहरे पर खुशी है।
गायत्री घोडके ने बताया कि इस योजना के माध्यम से उनकी जिंदगी में नई उम्मीदें जगी हैं। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपनी खुशी साझा की।
उन्होंने कहा कि पहले उनका घर कच्चा था, जिससे बारिश में पानी अंदर आ जाता था, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न होती थीं।
गायत्री ने बताया कि पक्के मकान की कमी के कारण सर्दी और गर्मी में भी दिक्कतें होती थीं। कच्चे घर के कारण आंधी और तूफान में गिरने का खतरा भी बना रहता था। लेकिन इस योजना के तहत पक्के घर बनने से उनकी कई समस्याएं हल हो गई हैं। इस योजना के लिए उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
लातूर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ने हजारों परिवारों का जीवन बेहतर बनाया है। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को पक्के मकान मुहैया कराए गए हैं। पहले जो अपने लिए घर नहीं खरीद सकते थे, अब वे इस योजना के तहत अपना घर बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। महाराष्ट्र में इस योजना ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।
लातूर की लाभार्थी का कहना है कि यह योजना उनके लिए एक वरदान साबित हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसी योजनाएं गरीबों के कल्याण के लिए लागू होती रहेंगी।