क्या अशोक गहलोत ने राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस के कार्यक्रम की कड़ी निंदा की और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए?

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क्या अशोक गहलोत ने राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस के कार्यक्रम की कड़ी निंदा की और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए?

सारांश

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरएसएस के कार्यक्रम की आलोचना की। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था के लिए चिंताजनक है। क्या शैक्षणिक संस्थानों में राजनीति का स्थान होना चाहिए? जानिए गहलोत और अन्य नेताओं के विचार।

Key Takeaways

  • अशोक गहलोत ने आरएसएस के कार्यक्रम की कड़ी निंदा की।
  • पुलिस की कार्रवाई को निंदनीय बताया गया।
  • शैक्षणिक संस्थानों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
  • सचिन पायलट और टीकाराम जूली ने भी पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की।

जयपुर, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम की कड़ी निंदा की।

उन्होंने इस प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों के लिए एक शैक्षणिक संस्थान के उपयोग की वैधता पर सवाल उठाया और छात्र विरोध प्रदर्शनों से निपटने में पुलिस की भूमिका की आलोचना की।

गहलोत ने कहा, "जब एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने बल का प्रयोग किया। इसके अलावा, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कानून अपने हाथ में ले लिया और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हमला किया। इससे स्पष्ट है कि राजस्थान में कानून का राज धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है और आरएसएस एक संविधान-विहीन सत्ता बन गया है।"

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की उपस्थिति में हुई यह घटना पुलिस की निष्पक्षता में विफलता को दर्शाती है। "इसका मतलब है कि पुलिस आरएसएस के दबाव में है। यदि पुलिस इसी दबाव में कार्य करती रही, तो वह कानून-व्यवस्था कैसे बनाए रखेगी?"

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी पुलिस कार्रवाई की आलोचना की और इसे 'बेहद निंदनीय' बताया। उन्होंने घायल एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और ज़ोर देकर कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का केंद्र नहीं बनाना चाहिए।

इसी प्रकार, नेता प्रतिपक्ष विधायक टीकाराम जूली ने एनएसयूआई नेताओं पर कथित लाठीचार्ज और वाहनों में तोड़फोड़ की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से उनकी तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

टीकाराम जूली ने कहा, "राजस्थान विश्वविद्यालय में भाजपा और आरएसएस की नफरत भरी राजनीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सरकार के समर्थन से पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना, उनके वाहनों में तोड़फोड़ और फिर उन्हें गिरफ्तार करना अत्यंत निंदनीय है। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि इन शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं और सभी गिरफ्तार एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा किया जाए।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि शैक्षणिक संस्थानों का राजनीतिकरण समाज के लिए हानिकारक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा का मंदिर हमेशा ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान का स्थान बना रहे, न कि राजनीति का अखाड़ा।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

अशोक गहलोत ने आरएसएस के कार्यक्रम पर क्या कहा?
अशोक गहलोत ने आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम की निंदा की और इसे राजनीतिक गतिविधियों के लिए एक शैक्षणिक संस्थान के उपयोग के खिलाफ बताया।
पुलिस की भूमिका पर गहलोत ने क्या आरोप लगाया?
गहलोत ने कहा कि पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ बल प्रयोग किया और यह दर्शाता है कि पुलिस आरएसएस के दबाव में है।