क्या जेम प्लेटफॉर्म पर 11.25 लाख एमएसई ने 7.44 लाख करोड़ रुपए के सरकारी ऑर्डर हासिल किए?
सारांश
Key Takeaways
- जेम प्लेटफॉर्म ने 11.25 लाख एमएसई को 7.44 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर दिलवाए।
- महिला उद्यमियों की भागीदारी में वृद्धि देखने को मिली है।
- जेम ने पारदर्शिता और स्पष्टता को बढ़ावा दिया है।
- सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- छोटे व्यवसायों को नए अवसर मिले हैं।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस यानि जेम (जीईएम) भारत के छोटे व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है। अब तक 11.25 लाख से अधिक छोटे एवं सूक्ष्म उद्योगों (एमएसई) ने सरकारी ऑर्डर प्राप्त किए हैं, जिनकी कुल कीमत 7.44 लाख करोड़ रुपए है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी साझा की।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जेम प्लेटफॉर्म ने एमएसई, महिला उद्यमियों, एससी/एसटी वर्ग के व्यवसायों और स्टार्टअप्स को सरकारी ठेके के लिए सीधे प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया है।
मंत्रालय ने बताया कि एमएसई ने अब तक जेम पर कुल ऑर्डर का 44.8 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है, जो सरकार द्वारा तय किए गए 25 प्रतिशत वार्षिक लक्ष्य से काफी अधिक है।
जेम प्लेटफॉर्म ने पारंपरिक बाधाओं को समाप्त कर दिया है, जिससे छोटे व्यवसायों को सरकारी खरीद में भाग लेने का अवसर मिला है। अब, स्वच्छ ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं से लेकर टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) तक एमएसई उच्च मूल्य वाले ठेके प्राप्त कर रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जेम पर महिला उद्यमियों की भागीदारी भी बढ़ी है। 2 लाख से अधिक महिला-स्वामित्व वाले एमएसई व्यवसाय इस प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं, और उन्होंने 78,000 करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी ऑर्डर प्राप्त किए हैं।
इस भागीदारी को 'वुमनिया' जैसे पहलों के जरिए बढ़ावा दिया जाता है, जो महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, समर्थन और सरकारी ठेकों तक पहुंच बढ़ाने में मदद करती हैं।
जेम का डिजाइन राष्ट्रीय खरीद नीतियों से मेल खाता है, जिससे खरीदार आसानी से एमएसई, महिला-स्वामित्व वाले और एससी/एसटी-स्वामित्व वाले व्यवसायों द्वारा प्रदान किए गए उत्पादों और सेवाओं की पहचान कर सकते हैं। प्लेटफॉर्म पर विशेष फिल्टर्स का उपयोग करके ये उत्पाद और सेवाएं आसानी से ढूंढी जा सकती हैं।
जेम प्लेटफॉर्म पर योग्य एमएसई को कई लाभ मिलते हैं, जैसे खरीद प्राथमिकता, कम ईएमडी (बयाना राशि), आय और अनुभव की शर्तों में ढील। इसके साथ ही, जेम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
जेम केवल लेन-देन को सुगम नहीं बनाता, बल्कि सरकारी खरीदारी में पारदर्शिता और गति को बढ़ाता है, जिससे अब भारत के विभिन्न हिस्सों के छोटे व्यवसायों को भी सरकारी ठेकों का मौका मिल रहा है। इससे सरकारी खर्च में बड़े स्तर पर भागीदारी हो रही है।