क्या भारतीय सेना प्रमुख की भूटान यात्रा ने दोनों देशों की मित्रता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया?

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क्या भारतीय सेना प्रमुख की भूटान यात्रा ने दोनों देशों की मित्रता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया?

सारांश

जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भूटान यात्रा ने न केवल दोनों देशों की रक्षा सहयोग को मजबूत किया है, बल्कि यह युवा सशक्तीकरण और राष्ट्र निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस यात्रा के प्रमुख पहलुओं को।

Key Takeaways

  • जनरल द्विवेदी की यात्रा ने भारत-भूटान के बीच रक्षा सहयोग को मजबूती दी।
  • युवाओं के सशक्तीकरण के लिए ग्यालसुंग अकादमी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • भूटान की राजा के साथ मुलाकात ने संबंधों को और प्रगाढ़ किया।
  • यह यात्रा दोनों देशों के बीच पारस्परिक विश्वास को दर्शाती है।
  • भूटान की सुरक्षा तैयारियों में भारत का सहयोग महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भूटान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। बुधवार को उन्होंने भूटान के जम्तशोलिंग स्थित ग्यालसुंग अकादमी का दौरा किया। इस अवसर पर भूटान के सैन्य अधिकारियों ने उन्हें पंचम राजा की दूरदर्शी राष्ट्र निर्माण एवं युवा सशक्तीकरण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जनरल द्विवेदी ने भारत और भूटान के बीच की गहरी और ऐतिहासिक मित्रता को दोहराते हुए आश्वस्त किया कि भारतीय सेना, भूटान की इस परिवर्तनकारी पहल में हर संभव सहयोग करती रहेगी। उन्होंने अकादमी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान भूटान के युवाओं के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने अकादमी की आधुनिक अधोसंरचना एवं भावी योजनाओं की भी प्रशंसा की, जो महामहिम राजा के भव्य दृष्टिकोण को साकार करेंगी।

इससे पूर्व, भूटान के महामहिम राजा और महामहिम रानी ने ताशीछो जोग में जनरल उपेंद्र द्विवेदी को आमंत्रित किया। यहां राजा का कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और कई मंत्रालय हैं। भारतीय सेनाध्यक्ष का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। अपने चार दिवसीय आधिकारिक दौरे के दौरान, सेना प्रमुख ने ताशीछो जोग स्थित नेशनल मेमोरियल चोर्टेन में भूटान के तीसरे राजा महामहिम जिग्मे दोरजी वांगचुक को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने यहां एक प्रभावशाली गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया।

भारतीय सेनाध्यक्ष ने यहां रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग से भी मुलाकात की है। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को भूटान की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए थे। सेनाध्यक्ष का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है। यह यात्रा भारत और भूटान के बीच लंबे समय से चले आ रहे गहरे व विश्वासपूर्ण रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है।

रक्षा मंत्रालय का मानना है कि जनरल द्विवेदी की यह यात्रा भारत-भूटान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को दर्शाती है। भारतीय सेना के मुताबिक यह दौरा भारत की अपने पड़ोसी देश भूटान के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है। सेना प्रमुख का यह दौरा दोनों राष्ट्रों के बीच पारंपरिक मित्रता तथा सहयोग को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि इसी वर्ष रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे। उनकी भारत यात्रा के दौरान भारत ने भूटान को रक्षा तैयारियों में मदद देने की बात की थी।

Point of View

यह यात्रा भारत और भूटान के बीच के पारंपरिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करती है। यह न केवल सैन्य सहयोग को दर्शाता है बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को भी मजबूत करता है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भूटान यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और भूटान के बीच सैन्य संबंधों को और मजबूत करना है।
भूटान में जनरल द्विवेदी को किस प्रकार का स्वागत मिला?
जनरल द्विवेदी का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।