क्या घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों पर सीबीआई का शिकंजा?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कार्रवाई की है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिल्डरों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं।
- तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
- हजारों घर खरीदारों ने राहत की मांग की थी।
- भविष्य में बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ सीबीआई ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच सांठगांठ की जांच के लिए मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के विभिन्न बिल्डरों और कई वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके साथ ही, जांच एजेंसी ने कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु में 12 ठिकानों पर छापेमारी की।
देश भर के हजारों घर खरीदारों ने बिल्डरों और डेवलपर्स द्वारा ठगे जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट में राहत की मांग की थी। अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने होम लोन की 'सब्वेंशन स्कीम' बनाकर बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच अवैध गठजोड़ को देखकर सीबीआई को 7 प्रारंभिक जांच दर्ज करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 7 प्रारंभिक जांच दर्ज की और एनसीआर के बिल्डरों से संबंधित 6 प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद पहले ही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, केंद्रीय जांच एजेंसी ने नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए, जिनकी जांच चल रही है।
अब, एनसीआर के बाहर के विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 7वीं प्रारंभिक जांच पूरी होने पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सीबीआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा के बाद अदालत ने सीबीआई को कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में विभिन्न बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 नियमित मामले दर्ज करने का आदेश दिया।
इसी क्रम में, सीबीआई ने 6 मामले दर्ज किए। कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में 12 स्थानों पर तलाशी ली गई और तलाशी अभी भी जारी है। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए हैं।
एफआईआर दर्ज होने वाली कंपनियों में इथाका एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, एलजीसीएल अर्बन होम्स (इंडिया) एलएलपी, ओजोन अर्बना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शश्वती रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, एमकेएचएस हाउसिंग एलएलपी और एक्मे रियल्टीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।