क्या राजू शेट्टी ने किसानों की बदहाली के लिए सरकार को कठोरता से चेताया?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति गंभीर है।
- भारी बारिश ने फसलों को **बर्बाद** किया है।
- राजू शेट्टी ने सरकार से **तत्काल मदद** की मांग की।
- उद्धव ठाकरे ने पीएम केयर्स फंड के **उपयोग** की बात की।
- केंद्र और राज्य सरकार को किसानों के **हित में ठोस कदम** उठाने चाहिए।
पुणे, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के अध्यक्ष और प्रमुख किसान नेता राजू शेट्टी ने महाराष्ट्र में किसानों की अत्यंत दयनीय स्थिति पर सरकार को कठोर शब्दों में चेताया। उन्होंने भारी वर्षा के कारण फसलों को हुए नुकसान के चलते महाराष्ट्र में 'हरा अकाल' घोषित करने की तत्काल मांग की।
राजू शेट्टी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश ने किसानों का जीवन तबाह कर दिया है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर जिम्मेदारी लेने और तत्काल सहायता प्रदान करने की अपील की। उनका कहना था, "मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि 110 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यह एक ठोस प्रमाण है। सरकार को इसे 'हरा अकाल' घोषित करना चाहिए। किसानों की खेती, ज़मीन, और फसलें सब बर्बाद हो चुकी हैं। उनके घर उजड़ गए हैं और पशु भी मर गए हैं। सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह किसानों की तत्काल मदद करे।"
शेट्टी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मिलकर भीख मांग रहे हैं। हमें भीख नहीं, बल्कि हक मांगना चाहिए। हम भी केंद्र को टैक्स देते हैं, सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं। यह हमारा अधिकार है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकार को किसानों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए।
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी किसानों की मदद के लिए पीएम केयर्स फंड के उपयोग की मांग की। उन्होंने कहा, "पीएम केयर्स फंड संकट के समय के लिए ही बनाया गया है। किसानों की मदद के लिए इसका उपयोग होना चाहिए।"
ठाकरे ने कर्जमाफी को लेकर भी सरकार पर तंज कसा और कहा कि क्या सरकार पंचांग देखकर कर्जमाफी देगी? अगर बारिशग्रस्त किसानों की मदद का कोई पंचांग में मुहूर्त है, तो मैं उसकी एक कॉपी मुख्यमंत्री, अमित शाह और प्रधानमंत्री को दे दूंगा।