क्या गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का खुलासा हुआ? नकली 'राजदूत' गिरफ्तार!

सारांश
Key Takeaways
- गाजियाबाद में एक फर्जी दूतावास का खुलासा हुआ।
- हर्ष वर्धन जैन ने खुद को एम्बेसडर बताकर ठगी की।
- एसटीएफ ने बड़ी मात्रा में नकदी और फर्जी दस्तावेज बरामद किए।
- यह मामला अंतरराष्ट्रीय हवाला रैकेट से जुड़ा है।
- कानूनी कार्रवाई जारी है।
नोएडा, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद में एक फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने एक चालाक ठग हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया है, जो खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे अवास्तविक छोटे देशों का एम्बेसडर बताकर लोगों को धोखा दे रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी हर्ष वर्धन गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में किराए पर मकान लेकर लंबे समय से कथित 'दूतावास' चला रहा था। वह विभिन्न देशों का कॉन्सुल जनरल या एम्बेसडर बताता था। इतना ही नहीं, उसने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ अपनी मॉर्फ की हुई फोटो का इस्तेमाल करके खुद को प्रभावशाली साबित करने की कोशिश की।
एसटीएफ की छापेमारी में आरोपी के पास से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और नकदी बरामद की गई है। उसकी गतिविधियाँ केवल दिखावे तक सीमित नहीं थीं, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय हवाला रैकेट में भी शामिल था। वह विभिन्न कंपनियों के माध्यम से प्राइवेट व्यक्तियों को विदेश में नौकरी दिलाने का दावा करता था और इसके लिए मोटी रकम वसूलता था।
बताया गया है कि हर्ष वर्धन का संपर्क चर्चित अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी और अन्य विवादित व्यक्तियों से भी रहा है। वर्ष 2011 में उसके पास से एक अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके संबंध में थाना कविनगर में मामला दर्ज है।
नोएडा एसटीएफ ने आरोपी के पास से डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियाँ, विभिन्न देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगे कूटरचित दस्तावेज, 2 फर्जी पैनकार्ड, 34 अलग-अलग कंपनियों और देशों की मोहरें, 2 फर्जी प्रेस कार्ड, 44.70 लाख रुपये नकद, कई देशों की विदेशी मुद्रा, 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और कई कंपनियों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। इस मामले में थाना कविनगर, गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।