क्या गिलोय तीन दोषों को संतुलित करके कैंसर से लड़ने में मदद कर सकती है?

Click to start listening
क्या गिलोय तीन दोषों को संतुलित करके कैंसर से लड़ने में मदद कर सकती है?

सारांश

गिलोय, एक अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में सहायता करती है। जानें इसके लाभ और उपयोग के तरीके।

Key Takeaways

  • गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • यह कैंसर से लड़ने में सहायक है।
  • गिलोय का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है।
  • यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करती है।
  • गिलोय कई सामान्य बीमारियों में राहत पहुंचाती है।

नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर एक शारीरिक समस्या का समाधान दवाओं में ही नहीं है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से मुकाबला करने में सहायता करती हैं।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, गिलोय एक अद्भुत जड़ी-बूटी है जो शरीर के तीन मूल दोषों वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है। इसे आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। गिलोय को गुडूची या अमृता भी कहते हैं। यह एक लता है, जिसके तने और पत्तों का औषधीय उपयोग होता है।

गिलोय में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें कैंसर रोधी गुण भी हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

गिलोय कई सामान्य बीमारियों में राहत प्रदान करती है। बुखार होने पर इसका सेवन शीघ्र आराम दिला सकता है। पीलिया के दौरान यह लीवर को मजबूत करने में सहायक है। गठिया के दर्द और जोड़ों की सूजन में भी यह अत्यंत लाभकारी है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी गिलोय फायदेमंद है, क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है। कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं में यह पाचन तंत्र को सुधारती है। मूत्र संबंधी समस्याओं जैसे जलन या संक्रमण में भी गिलोय राहत पहुंचाती है।

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ का असंतुलन ही बीमारियों का मुख्य कारण होता है। गिलोय इन तीनों दोषों को संतुलित करती है। वात दोष से होने वाली बेचैनी, पित्त से जलन और कफ से भारीपन में यह नियंत्रण लाती है, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है।

गिलोय का उपयोग करना सरल है। इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं, चूर्ण के रूप में ले सकते हैं या टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध है। लेकिन किसी भी औषधि की तरह, इसे डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह के बाद लेना चाहिए।

Point of View

NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

गिलोय का सेवन कैसे करें?
गिलोय का काढ़ा बनाकर, चूर्ण के रूप में या टैबलेट के रूप में सेवन किया जा सकता है।
गिलोय के क्या फायदे हैं?
गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, सूजन कम करती है और कैंसर से लड़ने में मदद करती है।