क्या जालंधर में उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास ने पंजाबी संगीत जगत को प्रभावित किया?

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क्या जालंधर में उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास ने पंजाबी संगीत जगत को प्रभावित किया?

सारांश

जालंधर में उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास ने पंजाबी संगीत जगत को गहरे दुख में डाल दिया है। इस दिग्गज संगीतकार को श्रद्धांजलि देने के लिए कई बड़े गायक एकत्रित हुए। उनकी शिक्षा और मार्गदर्शन ने कई कलाकारों को संगीत की दुनिया में सफलता दिलाई। क्या उस्ताद पूरन शाह कोटी की विरासत जीवित रहेगी?

Key Takeaways

  • उस्ताद पूरन शाह कोटी का निधन पंजाबी संगीत जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है।
  • उन्होंने कई प्रसिद्ध गायक बनाए और उन्हें प्रशिक्षित किया।
  • उनकी शिक्षा और मार्गदर्शन ने कलाकारों को सफलता दिलाई।
  • अंतिम अरदास में कई प्रमुख कलाकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • उनकी विरासत हमेशा याद रखी जाएगी।

चंडीगढ़, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गायक मास्टर सलीम के पिता उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास का आयोजन जालंधर के मॉडल टाउन में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में किया गया। उस्ताद पूरन शाह कोटी न केवल एक गुरु, बल्कि कलाकारों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत थे। उनका निधन 22 दिसंबर को हुआ, और उन्होंने 72 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस ली।

अंतिम अरदास में पंजाबी संगीत के कई प्रमुख नाम उपस्थित रहे। हंसराज हंस, मंगी महल, राज जुझार, जैजी बी और अन्य कलाकारों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर पंजाबी गायक बूटा मोहम्मद ने कहा, "उस्ताद पूरन शाह कोटी जैसा गुरु और शिक्षक इस धरती पर फिर कभी नहीं मिलेगा। उन्होंने न केवल गायिकी सिखाई, बल्कि समाज में अच्छे संदेश फैलाने वाली शिक्षा भी दी।"

गुरु की अंतिम अरदास के दौरान अन्य कलाकारों ने उनके योगदान को याद करते हुए बताया कि उन्होंने पंजाबी संगीत जगत को कई बड़े सितारे दिए। मास्टर सलीम, हंसराज हंस, जसबीर जस्सी और बब्बू मान जैसे गायकों ने उनके मार्गदर्शन में अपनी कला को निखारा। इसके साथ ही, उन्होंने शागिर्दों को सूफी कला भी सिखाई, जो आज भी उनके संगीत में जीवित है।

पंजाबी गायक राय जुझार ने कहा, "उनके लिए यह समय परिवार के साथ बिताने का था, लेकिन वाहेगुरु जिसको जितनी भी सांसें देता है, वो उतनी ही सांसें ले पाता है।"

वहीं, कलेर कंठ ने कहा, "उस्ताद पूरन शाह कोटी का नाम इस दुनिया से कभी नहीं मिटेगा।"

सुक्खी बराड़ ने उन्हें 'सुरों का सिकंदर' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में संगीत को सबसे बड़ा सम्मान दिया।

पूरन शाह कोटी का योगदान पंजाबी संगीत में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने मास्टर सलीम को बचपन से ही संगीत के लिए प्रेरित किया और हर कठिन समय में उनका हौसला बढ़ाया। मास्टर सलीम कई बार मंचों पर यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनके पिता का आशीर्वाद और मार्गदर्शन ही उनकी सफलता की सबसे बड़ी वजह है।

पूरन शाह कोटी ने कई दिग्गज गायकों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने हंसराज हंस और जसबीर जस्सी जैसे मशहूर गायक बनाए। इसके अलावा, बब्बू मान को भी शुरुआती दौर में उन्होंने मार्गदर्शन और मंच प्रदान किया, जिससे उन्हें पहचान मिली और वे संगीत जगत में खुद को स्थापित कर सके।

पूरन शाह कोटी का जीवन और उनके द्वारा संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा प्रशिक्षित कलाकार उनके योगदान की गाथा को आगे बढ़ाते रहेंगे।

Point of View

और यह सुनिश्चित करने का कि उनकी विरासत हमेशा जीवित रहे।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

उस्ताद पूरन शाह कोटी का निधन कब हुआ?
उस्ताद पूरन शाह कोटी का निधन 22 दिसंबर को हुआ।
अंतिम अरदास में कौन-कौन उपस्थित थे?
अंतिम अरदास में हंसराज हंस, मंगी महल, राज जुझार, जैजी बी जैसे कई बड़े कलाकार उपस्थित थे।
उस्ताद पूरन शाह कोटी का योगदान क्या था?
उन्होंने पंजाबी संगीत जगत को कई बड़े सितारे दिए और कई कलाकारों को प्रशिक्षित किया।
उस्ताद पूरन शाह कोटी को किस नाम से जाना जाता था?
उस्ताद पूरन शाह कोटी को 'सुरों का सिकंदर' भी कहा जाता था।
क्या उस्ताद पूरन शाह कोटी की शिक्षा आज भी प्रभावी है?
हां, उनके द्वारा सिखाई गई सूफी कला आज भी कई कलाकारों के संगीत में जीवित है।
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