क्या गोड्डा में हिस्ट्रीशीटर नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई?

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क्या गोड्डा में हिस्ट्रीशीटर नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई?

सारांश

गोड्डा जिले में पूर्व भाजपा नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत की खबर ने क्षेत्र में हलचल मचाई है। कई आपराधिक मामलों में आरोपी सूर्या की मौत ने उनके राजनीतिक सफर को एक नया मोड़ दिया है। यह घटना पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठाती है।

Key Takeaways

  • सूर्या हांसदा की मुठभेड़ ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया।
  • पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
  • सूर्या पर कई आपराधिक आरोप थे।
  • यह घटना गोड्डा में बढ़ते अपराध की ओर इशारा करती है।
  • भाजपा ने 2024 में उन्हें टिकट नहीं दिया था।

गोड्डा, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गोड्डा जिले में कई आपराधिक मामलों में आरोपी पूर्व भाजपा नेता सूर्या हांसदा की पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मौत हो गई। यह मुठभेड़ जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र के जिरली समारी पहाड़ी के पास हुई है। मुठभेड़ के बाद पहाड़ी के पास बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के जवान तैनात हैं। किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है।

हालांकि पहाड़ी के पास भारी संख्या में भीड़ जुट गई है। गोड्डा के एसपी मुकेश कुमार ने सूर्या हांसदा की मौत की पुष्टि की है। शाम चार बजे पुलिस इस बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी देगी। सूर्या हांसदा ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव के निवासी थे। उनकी गिनती इलाके में भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। वर्ष 2019 में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। वर्ष 2024 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद उन्होंने जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए।

सूर्या हांसदा पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीते 27 मई को ईसीएल (इस्टर्न कोलफील्ड्स लि) की राजमहल परियोजना के पहाड़पुर क्षेत्र में गोलीबारी की वारदात में भी सूर्या की संलिप्तता सामने आई थी। इस गोलीबारी में परियोजना के एक ऑपरेटर भी घायल हुए थे। पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार ने घटना के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि यह वारदात सूर्या हांसदा के इशारे पर अंजाम दी गई थी।

साहिबगंज जिले में क्रशर मिल में ट्रक और ट्रक जलाने के मामले में भी सूर्या हांसदा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। तीन साल पहले पुलिस ने उन्हें एक आपराधिक मामले में जेल भेजा था। हाल के महीनों में हुई वारदातों में सूर्या का नाम सामने आने के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से छापेमारी कर रही थी।

Point of View

बल्कि राजनीतिक दलों की भूमिका पर भी प्रश्न उठाती है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कैसे एक नेता जिसे जनता ने चुना, वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो सकता है। यह समय है कि हम अपने नेताओं की जिम्मेदारी पर विचार करें।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

सूर्या हांसदा कौन थे?
सूर्या हांसदा एक पूर्व भाजपा नेता थे, जो कई आपराधिक मामलों में आरोपी रहे हैं।
मुठभेड़ कब हुई?
यह मुठभेड़ 11 अगस्त को गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र में हुई।
सूर्या हांसदा पर क्या आरोप थे?
सूर्या हांसदा पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें गोलीबारी का मामला भी शामिल है।
पुलिस ने मुठभेड़ के बाद क्या कार्रवाई की?
मुठभेड़ के बाद पुलिस और प्रशासन के जवान वहां तैनात हैं।
क्या सूर्या हांसदा ने चुनाव लड़ा था?
हाँ, सूर्या हांसदा ने 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।