क्या झारखंड के गोड्डा में पानी की पुरानी टंकी गिरने से बच्चों की मौत हुई?

सारांश
Key Takeaways
- पानी की पुरानी टंकी गिरने से बच्चों की मौत हुई।
- घटना ने सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए।
- पुलिस और प्रशासन ने तत्परता से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
- जांच के आदेश दिए गए हैं।
- स्थानीय लोगों ने लापरवाही की ओर इशारा किया है।
गोड्डा, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गोड्डा जिले में रविवार को पानी की टंकी गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। दोनों मृतक बच्चे आदिम पहाड़िया जनजाति के परिवार से थे।
यह दुर्घटना सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के डाहुबेड़ा गांव में हुई, जब बच्चे लगभग 30 साल पुरानी सीमेंट की टंकी के नीचे स्नान कर रहे थे।
गांववासियों ने बताया कि अचानक टंकी का पुराना ढांचा भरभरा कर गिर गया। भारी मात्रा में कंक्रीट और लोहे की रॉड बच्चों पर गिर गई। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बच्चों को मलबे से बाहर निकाला और तुरंत गोड्डा सदर अस्पताल पहुंचाया। घायलों में से एक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
मृतकों की पहचान 5 वर्षीय मेशा नंद पहाड़िया और 6 वर्षीय धमेंद्र पहाड़िया के रूप में हुई है। घायलों में 4 वर्षीय चंदन पहाड़िया, 5 वर्षीय मेशा पहाड़िया और 5 वर्षीय गौरव पहाड़िया शामिल हैं। इस हादसे की जानकारी मिलते ही गोड्डा उपायुक्त अंजलि यादव और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार तत्काल सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना और परिजनों को सरकारी सहायता के साथ हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। ग्रामीणों का कहना है कि टंकी की नींव कमजोर थी और लंबे समय से मरम्मत की आवश्यकता थी, लेकिन संबंधित विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके कारण निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
उपायुक्त अंजलि यादव ने कहा कि अगर मामले में लापरवाही या तकनीकी खामी पाई गई, तो जिम्मेदार लोगों और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी मुकेश कुमार भी जांच में सक्रिय हैं। हादसे के बाद पूरे डाहुबेड़ा गांव में शोक की लहर है। मृतकों के परिजन स्तब्ध हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुराने ढांचे की अनदेखी इस भयावह घटना का मुख्य कारण है।