क्या वनटांगिया तिनकोनिया उत्तर प्रदेश का पहला ‘जल अर्पण गांव’ बन गया?

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क्या वनटांगिया तिनकोनिया उत्तर प्रदेश का पहला ‘जल अर्पण गांव’ बन गया?

सारांश

गोरखपुर का वनटांगिया गांव अब उत्तर प्रदेश का पहला जल अर्पण गांव बन गया है। यहाँ ग्रामीण स्वयं जलापूर्ति व्यवस्था का संचालन करेंगे। यह पहल जल संरक्षण और ग्राम विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस गांव की विशेषताएँ और सरकार की योजनाएँ।

Key Takeaways

  • वनटांगिया गांव अब जल अर्पण गांव बन गया है।
  • ग्राम पंचायत के नेतृत्व में जलापूर्ति का संचालन होगा।
  • जल संरक्षण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए योजना बनाई गई है।
  • गांव के विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • सरकार का प्रयास ग्रामीण समुदाय की बेहतरी के लिए है।

गोरखपुर, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के हर ग्रामीण घर में नल से शुद्ध जल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में गोरखपुर का वनटांगिया गांव तिनकोनिया-3 ‘जल अर्पण गांव’ के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। यह देश का दूसरा ऐसा गांव है, जहाँ जलापूर्ति की व्यवस्था का संचालन और निगरानी ग्राम पंचायत के नेतृत्व में ग्रामीण स्वयं करेंगे।

सांसद रवि किशन ने शुक्रवार को ग्राम प्रधान और ग्रामीणों को जल कलश सौंपकर ‘जल अर्पण’ कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल ने ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने जल संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पानी सभी जरूरतमंदों तक पहुँचे और हर बूंद का सही उपयोग किया जाए, यह सभी ग्रामवासियों की जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर सांसद ने शिव धुन भी प्रस्तुत की। उन्होंने अधिकारियों के साथ गांव के नल कनेक्शनों का निरीक्षण किया और नल से पानी पीकर उसकी गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने टंकी पर चढ़कर जल संरक्षण का संदेश देते हुए वहाँ राखी भी बांधी। बच्चों ने जल संरक्षण के संकल्प कार्यक्रम से पहले प्रभात फेरी निकालकर स्वच्छता का संदेश दिया। बच्चों ने नल कनेक्शनों पर राखी बांधकर ‘जल बंधन’ कार्यक्रम किया और ग्रामीणों के साथ जल संकल्प लिया।

इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान इंदूलता, मुखिया राम गणेश, पंप ऑपरेटर गुड्डू निषाद, एफटीके सदस्य ज्योति, और जल मित्र निहाल को सम्मानित किया गया। योजना के तहत कार्यदायी एजेंसी अगले 10 वर्षों तक रखरखाव, संचालन, और गुणवत्ता की सतत निगरानी करेगी, ताकि ग्रामीणों को बिना किसी बाधा के मानक के अनुरूप नल से शुद्ध जल मिल सके।

योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल वनटांगिया गांव से शुरू यह मॉडल पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह पहल वनटांगिया समुदाय की बेहतरी के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों का उदाहरण है। प्रदेश के 51,000 राजस्व गांवों में 100 फीसदी जलापूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। अब तक 26,531 गांव ‘हर घर जल’ से प्रमाणित हो चुके हैं। गोरखपुर जिले में 5,55,478 परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

Point of View

बल्कि ग्रामीण समुदाय को भी सशक्त किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण विकास में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

वनटांगिया गांव का जल अर्पण गांव बनने का क्या महत्व है?
यह गांव जलापूर्ति की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले रहा है, जिससे जल संरक्षण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन किसने किया?
सांसद रवि किशन ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
क्या यह देश का पहला जल अर्पण गांव है?
नहीं, यह देश का दूसरा जल अर्पण गांव है।
जल की गुणवत्ता की जांच कैसे की गई?
सांसद ने नल से पानी पीकर गुणवत्ता की जांच की।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत किन्हें सम्मानित किया गया?
ग्राम प्रधान, मुखिया, पंप ऑपरेटर और जल मित्र को सम्मानित किया गया।
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