क्या गोवर्धन पूजा स्थानीय परंपराओं और अनुष्ठानों के साथ मनाना चाहिए? : सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- गोवर्धन पूजा का आयोजन स्थानीय परंपराओं के अनुसार किया जाएगा।
- किसानों और उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा।
- पारंपरिक नृत्य और जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी होगी।
- दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान चलाया जा रहा है।
- राज्य सरकार का लक्ष्य दूध उत्पादन बढ़ाना है।
भोपाल, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि गोवर्धन पूजा 21 अक्टूबर को पूरे राज्य में स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार मनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवसर पर डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य समारोह भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित होगा, जिसमें गोवर्धन पूजा, परिक्रमा और अन्नकूट भोग जैसे अनुष्ठान होंगे। पशुपालक समुदायों द्वारा बरेली और थाट्या नृत्य जैसे पारंपरिक प्रदर्शन प्रस्तुत किए जाएंगे।
इसके अलावा, जैविक उत्पादों, डेयरी उत्पादों और गोबर से बनी कलाकृतियों के स्टॉल लगाए जाएंगे। साथ ही, पशुपालन, कृषि और सहकारिता से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए जागरूकता बूथ भी स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, "जो लोग पशुपालन करते हैं, वे सच्चे गोपाल हैं और हर घर जहां गायें पाली जाती हैं, वह गोकुल है। भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति में गाय और पशुपालन का पवित्र स्थान है।"
राज्य सरकार ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन को प्राथमिकता दी है और जनभागीदारी के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य दूध उत्पादन को बढ़ाना और डेयरी किसानों की आय को दोगुना करना है।
अपने प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध पशु संपदा के साथ, राज्य भारत के कुल दूध उत्पादन में लगभग नौ प्रतिशत का योगदान देता है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि 'दुग्ध समृद्धि संपर्क' अभियान गांव-गांव में चलाया जा रहा है, जहां पशु चिकित्सक घर-घर जाकर किसानों को उन्नत डेयरी फार्मिंग तकनीक, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य और पोषण के बारे में शिक्षित कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में फिलहाल 2,900 गौशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 4.25 लाख मवेशियों का प्रबंधन किया जाता है।
मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत, राज्य भर के ग्रामीण क्षेत्रों में 2,203 गौशालाएँ स्थापित की गई हैं, जिनमें 2.11 लाख मवेशी रखे गए हैं।