क्या योगी सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है? प्रयागराज में 324 बिजली सखियों की बदलती जिंदगी

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क्या योगी सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है? प्रयागराज में 324 बिजली सखियों की बदलती जिंदगी

सारांश

प्रयागराज में योगी सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन ने सैकड़ों महिलाओं की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया है। मनीषा साहू जैसे उदाहरण दर्शाते हैं कि कैसे ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। जानिए कैसे यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है।

Key Takeaways

  • महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण
  • स्वयं सहायता समूहों का महत्व
  • बिजली सखियों की भूमिका
  • समाज में सकारात्मक बदलाव
  • योगी सरकार की पहल

प्रयागराज, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित किए गए स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना रहे हैं। प्रयागराज में घरेलू कामकाज देखने वाली सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी इस मिशन ने बदल दी है।

कभी घर का चूल्हा कर अपना परिवार चलाने वाली मनीषा साहू आज गांव में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं। प्रयागराज के इस्माइलपुर में रहने वाली मनीषा साहू के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला करा पाती। पति असाध्य रोग से पीड़ित थे, ऐसे में तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए उसने उन्हें अपने मायके भेज दिया, जहां उनके पिता ने उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया। मनीषा ने 2020 में मां गंगा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपनी नई राह बनाई। मनीषा ने बिजली सखी के रूप में कार्य करना शुरू किया।

मनीषा ने कहा कि सुबह-सुबह एक टूटी-फूटी साइकिल से गांव-गांव लोगों के बिजली के बिल जमा करने और उनका बिल लेने निकल जाती है। शुरुआती दिनों में इस कार्य की कमीशन से उसे जो आमदनी होती थी उससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल था, लेकिन अब वह बिजली सखी के रूप में हर महीने 20 हजार से अधिक कमा लेती है। मनीषा ने इसी पैसे से एक स्कूटी खरीद ली है। गांव की दो दर्जन से अधिक महिलाओं को भी मनीषा ने इससे जोड़ लिया है और उन महिलाओं की जिंदगी भी अब बदल गई है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की प्राथमिकता महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की रही है। सरकार ने इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूह गठित किए, जिसके माध्यम से महिलाओं को स्वयं सक्षम बनने में मदद मिल रही है। प्रयागराज के उपायुक्त एनएलआरएम अशोक कुमार गुप्ता बताते हैं कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान में इन्हें नई जिम्मेदारी दी जा रही है।

जनपद में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 820 महिलाओं को विद्युत सखी के रूप में गांव में बिजली के बिल जमा करने और उपभोक्ताओं को बिजली विभाग की तरफ से चलाई गई योजनाओं की जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें 324 बिजली सखी इस समय सक्रिय हैं। इसमें भी मां गंगा महिला स्वयं सहायता समूह अग्रणी है। समूह की अध्यक्ष मनीषा साहू ने इस साल नवंबर के पहले हफ्ते तक इससे बिजली विभाग को 12 करोड़ से अधिक के बिजली बिल जमा कराए हैं। अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष उनका राजस्व 22 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे सरकार की योजनाएं वास्तविकता में बदलाव ला सकती हैं। प्रयागराज में ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदम न केवल उनके जीवन को बदल रहे हैं, बल्कि समाज को भी सशक्त बना रहे हैं।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

प्रयागराज में बिजली सखियों का क्या काम है?
बिजली सखियों का काम गांव में बिजली के बिल जमा करना और उपभोक्ताओं को बिजली योजनाओं की जानकारी देना है।
योगी सरकार का ग्रामीण आजीविका मिशन क्या है?
यह मिशन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काम करता है।
मनीषा साहू की कहानी क्या है?
मनीषा साहू ने बिजली सखी के रूप में काम करके अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर किया और अब वह अन्य महिलाओं को भी जोड़ रही हैं।
कितनी महिलाएं इस मिशन से जुड़ी हैं?
इस मिशन से कुल 820 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 324 सक्रिय बिजली सखियां हैं।
यह मिशन महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मिशन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाता है, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकती हैं और समाज में एक नई पहचान बना सकती हैं।
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