क्या ग्रेटर नोएडा की एक छात्रा ने मानसिक प्रताड़ना के कारण आत्महत्या की?

सारांश
Key Takeaways
- मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है।
- शिक्षण संस्थानों में सहायक वातावरण की आवश्यकता है।
- छात्रों पर अनुचित दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
- पुलिस की कार्रवाई से न्याय की उम्मीद है।
- सुसाइड नोट में गंभीर आरोपों का होना चिंता का विषय है।
नोएडा, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार रात एक 21 वर्षीय BDS द्वितीय वर्ष की छात्रा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा के सुसाइड नोट में डेंटल विभाग के एक पुरुष और एक महिला शिक्षक पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस मामले में दोनों शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
नॉलेज पार्क पुलिस को सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर पहुंची और छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। छात्रा के कमरे से मिले सुसाइड नोट में उसने विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर मानसिक दबाव डालने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। यह भी बताया गया है कि छात्रा पिछले कुछ समय से तनाव में थी। इस घटना की जानकारी मिलते ही छात्रा के परिजन हॉस्टल पहुंचे और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने कहा, "पुलिस को सूचना मिली कि हॉस्टल में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा की कार्रवाई की। परिजनों की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। इस मामले में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। छात्रों का विश्वविद्यालय के प्रशासन पर काफी आक्रोश था, जिन्हें समझाकर शांत कर दिया गया है।"
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर छात्रा के कमरे की बारीकी से जांच की। सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। छात्रों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाए। परिजनों और छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में छात्रों पर अनुचित दबाव बनाया जाता है, जिसके चलते यह दुखद घटना हुई। पुलिस ने कहा कि वह सभी पहलुओं की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।