क्या ग्रेटर नोएडा में एसटीएफ ने फर्जी रॉ अधिकारी को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- फर्जी पहचान पत्र का दुरुपयोग गंभीर अपराध है।
- आम जनता को सतर्क रहना चाहिए और ऐसे मामलों की सूचना देनी चाहिए।
- एसटीएफ की कार्रवाई सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाती है।
- धोखाधड़ी के मामलों में गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
- रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएडब्ल्यू) का नाम दुरुपयोग न करें।
ग्रेटर नोएडा, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़े जालसाज को पकड़ा है, जो खुद को कभी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएडब्ल्यू) का अधिकारी और कभी भारतीय सेना का ऑपरेशन अधिकारी बताता था। आरोपी का नाम सुनीत कुमार है और इसे सूरजपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अनुसार, सुनीत कुमार लंबे समय से लोगों को ठगता आ रहा था। वह फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेज दिखाकर खुद को खुफिया अधिकारी बताता था और इस बहाने कई लोगों से पैसे जुटा चुका था। गिरफ्तारी के बाद उसके पास से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पुलिस ने आरोपी के पास से दो फर्जी सरकारी पहचान पत्र, 20 विभिन्न बैंकों की चेकबुक, आठ डेबिट और क्रेडिट कार्ड, पांच पैन कार्ड, 17 विभिन्न नामों पर बने एग्रीमेंट, दो आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी कार्ड और कई अन्य फर्जी कागजात बरामद किए हैं। आरोपी ने अलग-अलग नामों से कई बैंक खाते भी खोले थे।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुनीत कुमार फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर लोगों को धमकाता था और बड़े-बड़े वादे करता था। उसकी गतिविधियां इतनी संदिग्ध थीं कि अब यह जांच की जा रही है कि कहीं उसका किसी आतंकवादी या असामाजिक गतिविधियों से कोई संबंध तो नहीं है।
नोएडा एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश एटीएस को गिरफ्तारी की सूचना दे दी है, ताकि जरूरत पड़ने पर मामले की और गहराई से जांच की जा सके।
फिलहाल, सूरजपुर थाने में मामला दर्ज कर सुनीत कुमार को जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि ऐसे फर्जी अधिकारी समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं, क्योंकि ये सरकारी नाम का दुरुपयोग करके आम लोगों के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। एसटीएफ ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति खुद को आरएडब्ल्यू, आईबी या सेना का बड़ा अधिकारी बताता है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचना दें।