क्या ग्रेटर नोएडा में भूकंप और औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई?

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क्या ग्रेटर नोएडा में भूकंप और औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई?

सारांश

ग्रेटर नोएडा में 1 अगस्त को भूकंप और औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय की क्षमता को परखने के उद्देश्य से किया गया था। जानिए इस महत्वपूर्ण ड्रिल के दौरान क्या-क्या हुआ!

Key Takeaways

  • आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया
  • समन्वय और राहत कार्यों का प्रभाव
  • भूकंप और औद्योगिक आपदा का अभ्यास
  • सुरक्षा नियमों का पालन
  • नागरिकों की जागरूकता

ग्रेटर नोएडा, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्ध नगर जिले में 1 अगस्त को सुबह 9 बजे से भूकंप और औद्योगिक आपदा से निपटने की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ग्रेटर नोएडा और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया, समन्वय और राहत कार्यों की प्रभावशीलता का आकलन करना था। मॉक ड्रिल के दौरान एक काल्पनिक औद्योगिक विस्फोट और भूकंप जैसी स्थिति का निर्माण किया गया।

तस्वीरों में देखा गया कि जैसे ही 'आपदा' का अलार्म बजा, कर्मचारियों और अधिकारियों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया। धुएं और अराजकता के बीच सभी ने सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए खुले क्षेत्रों की ओर दौड़ लगाई। रेस्क्यू टीमों ने तत्परता से घायलों को स्ट्रेचर और कैरियर के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा केंद्र तक पहुँचाया। मेडिकल टीमों ने मौके पर ही घायलों को प्राथमिक उपचार दिया।

डॉक्टरों और नर्सों की टीम घायलों को स्ट्रेचर और टेबल पर लिटाकर उनका निरीक्षण करती हुई दिखाई दी। कुछ 'घायलों' को एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया भी प्रदर्शित की गई। इस अभ्यास में फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस सेवा, एनडीआरएफ प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, सुरक्षा गार्ड और एलजी कंपनी के कर्मचारी शामिल रहे।

फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाने का अभ्यास किया और पानी की बौछारों के माध्यम से फायर फाइटिंग तकनीक को भी प्रदर्शित किया। इसके अतिरिक्त, सावित्रीबाई फुले बालिका इंटर कॉलेज, डब्लूएचओ टाउनशिप गुरजिंदर विहार, और विकास भवन सूरजपुर में भी इसी प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

इस विशेष अभियान, जिसे “सुरक्षा चक्र एक्सरसाइज” कहा गया, के तहत कुल 5 स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के माध्यम से आपात स्थिति में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय, नागरिकों की जागरूकता और बचाव कार्यों की तत्परता को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया।

Point of View

यह मॉक ड्रिल न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपातकालीन प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी एजेंसियाँ एक साथ मिलकर कार्य करें, ऐसी पहल आवश्यक हैं।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

मॉक ड्रिल का आयोजन कब किया गया?
मॉक ड्रिल का आयोजन 1 अगस्त को सुबह 9 बजे किया गया।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या था?
इसका उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्यों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था।
कौन-कौन सी एजेंसियाँ इस ड्रिल में शामिल थीं?
इस ड्रिल में फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस सेवा, एनडीआरएफ, प्रशासनिक अधिकारी और एलजी कंपनी के कर्मचारी शामिल थे।