क्या ग्रेटर नोएडा में नवचयनित 231 आरक्षियों के लिए जेटीसी प्रशिक्षण शुरू हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- जेटीसी प्रशिक्षण में तकनीकी और व्यावहारिक पुलिसिंग शामिल है।
- प्रशिक्षण में अनुशासन और संवेदनशीलता पर जोर दिया जा रहा है।
- अभ्यर्थियों को शारीरिक व्यायाम, योग और पुलिसिंग की जानकारी दी जा रही है।
- प्रशिक्षण केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- अनुभवी टीम द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।
ग्रेटर नोएडा, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आरक्षी नागरिक पुलिस की सीधी भर्ती-2023 के तहत चयनित अभ्यर्थियों के लिए राज्य भर में जॉइनिंग ट्रेनिंग कोर्स (जेटीसी) की शुरुआत की है।
इसी संदर्भ में, पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में 231 नवचयनित अभ्यर्थियों (213 पुरुष और 18 महिलाएं) के लिए जेटीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज़ किया गया है।
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह द्वारा तैयार की गई यह प्रशिक्षण प्रणाली केवल तकनीकी और व्यावहारिक पुलिसिंग पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह अनुशासन, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी जैसे मूल्यों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
प्रशिक्षण केंद्र में अभ्यर्थियों के लिए आधुनिक शैक्षणिक, भौतिक, चिकित्सा और खेल संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां आवास, पौष्टिक भोजन, स्वच्छता, मनोरंजन, पुस्तकालय, जिम और डिजिटल कक्षाओं की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए दो चिकित्सक और दो प्रशिक्षित नर्सों को नियुक्त किया गया है।
पुलिस लाइन, सूरजपुर में एक माह का जेटीसी प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है, जिसके बाद नौ माह का रिक्रूट ट्रेनिंग कोर्स (आरटीसी) आयोजित किया जाएगा। जेटीसी के दौरान अभ्यर्थियों को आंतरिक विषयों जैसे उत्तर प्रदेश पुलिस का इतिहास, पुलिस प्रतीक चिन्ह, संविधान, मानवाधिकार, सोशल मीडिया नीति, नैतिकता आदि की जानकारी दी जा रही है। वहीं, बाह्य प्रशिक्षण में शारीरिक व्यायाम, योग, मार्चिंग, वर्दी अनुशासन, सैल्यूटिंग आदि का अभ्यास कराया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन के लिए एक अनुभवी टीम का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस उपायुक्त मुख्यालय रवि शंकर निम को नोडल अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त हेमंत उपाध्याय को प्रशिक्षण प्रभारी बनाया गया है। इनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित की जा रही है।
प्रशिक्षण व्यवस्था में कुल 9 पैडागॉजी अध्यापक, 19 आईटीआई प्रशिक्षक, 10 पीटीआई, 4 मेस कर्मचारी और 1 दिवसाधिकारी तैनात किए गए हैं। यह संपूर्ण प्रशिक्षण प्रणाली प्रशिक्षणार्थियों को मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।