क्या ग्रेटर नोएडा पुलिस ने साइबर ठगी के शिकार व्यक्ति के 1.85 लाख रुपये वापस कर दिए?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर अपराध के मामलों में पुलिस की सक्रियता।
- पीड़ित को 1.85 लाख रुपये की राशि वापस मिली।
- साइबर हेल्प डेस्क की प्रभावशीलता।
- पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम।
- संदिग्ध लिंक और कॉल से सावधानी बरतने की आवश्यकता।
ग्रेटर नोएडा, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराधों पर नियंत्रण एवं पीड़ितों को सहायता प्रदान करने में गौतमबुद्धनगर पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली है। थाना बिसरख की साइबर हेल्प डेस्क की सक्रियता और प्रभावी कार्यवाही के फलस्वरूप, एक व्यक्ति को उसकी गुमशुदा 1,85,050 रुपये वापस मिल गए हैं।
जानकारी के अनुसार, थाना बिसरख पर एनसीआरबी पोर्टल के माध्यम से एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके साथ ऑनलाइन माध्यम से 1,85,050 रुपये की धोखाधड़ी हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए, बिसरख साइबर हेल्प डेस्क ने त्वरित जांच आरंभ की और संबंधित एजेंसियों से संपर्क किया।
पुलिस टीम ने तकनीकी जानकारी का उपयोग करते हुए धनराशि को ट्रैक किया और ठगी गई राशि को सुरक्षित रखते हुए पीड़ित के खाते में वापस करवा दिया। इस कार्यवाही से न केवल पीड़ित को बड़ी राहत मिली, बल्कि पुलिस की तत्परता ने यह भी साबित किया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है।
अपने पैसे वापस पाकर, पीड़ित ने गौतमबुद्धनगर पुलिस का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसी त्वरित कार्यवाही से नागरिकों का पुलिस पर विश्वास और बढ़ता है।
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर, लक्ष्मी सिंह के निर्देशानुसार जिले में लगातार साइबर अपराधों को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस द्वारा समय-समय पर साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नागरिकों को ऑनलाइन ठगी से बचने के तरीके बताए जाते हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी और कानूनी दोनों स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। आमजन से अपील की जाती है कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें और ठगी की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी थाने से संपर्क करें।