क्या शादी में हर्ष फायरिंग के कारण मासूम की मौत हुई? दो आरोपी गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- हर्ष फायरिंग एक गंभीर अपराध है।
- इससे मासूमों की जान भी जा सकती है।
- पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है।
- सामाजिक आयोजनों में सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है।
- कानूनी कार्रवाई से ही ऐसे मामलों में सुधार संभव है।
ग्रेटर नोएडा, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्ध नगर के थाना जारचा क्षेत्र में एक शादी समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे की जान चली गई। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम नगला चमरू में रविवार को बारात चढ़ने के दौरान लापरवाही से की गई फायरिंग में एक बच्चे को गोली लग गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायल बच्चे को अस्पताल भेजा। घटना के बाद पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने कहा कि जब शादी समारोह में बारात चढ़ रही थी, उसी समय हर्ष फायरिंग की गई, जिसमें एक बच्चे को गोली लग गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शिकायत दर्ज की और कड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों, अभिषेक और ईशू कसाना, को गिरफ्तार कर लिया।
दोनों आरोपी गाजियाबाद के थाना टीला मोड क्षेत्र के ग्राम जावली के निवासी हैं। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए। अभिषेक के पास से घटना में प्रयुक्त एक लाइसेंसी पिस्तौल, एक खोखा कारतूस और दो जिंदा कारतूस मिले, जबकि ईशू कसाना के पास से एक अवैध तमंचा और नाल में फंसा .315 बोर का कारतूस मिला।
जांच में यह भी सामने आया कि शादी में निक्की द्वारा लाई गई लाइसेंसी पिस्तौल का प्रयोग किया गया। इस पिस्तौल का लाइसेंस निक्की के पिता अमर सिंह के नाम पर है। निक्की ने यह पिस्तौल कार्यक्रम में लाकर अभिषेक को फायरिंग के लिए दी। इसी फायरिंग के दौरान बच्चे को गोली लगी। फिलहाल निक्की की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है।
गिरफ्तार अभियुक्त अभिषेक का आपराधिक इतिहास भी है, जिसमें पहले कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जैसे हमला, मारपीट, जानलेवा हमला और उपद्रव। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि शादी समारोहों में हर्ष फायरिंग न केवल खतरनाक है, बल्कि जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे गैरकानूनी और लापरवाह कार्य न केवल दूसरों की जान को खतरे में डालते हैं, बल्कि जेल और कड़ी कानूनी कार्रवाई का कारण भी बनते हैं।