क्या ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्र ने आत्महत्या की? सुसाइड नोट में उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- शिवम डे का सुसाइड नोट शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
- इस घटना ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर किया है।
- परिवार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाए हैं कि उन्हें छात्र की स्थिति की जानकारी नहीं दी गई।
ग्रेटर नोएडा, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी से एक बेहद दुखद घटना की खबर आई है। यहाँ के बीटेक (कंप्यूटर साइंस) अंतिम वर्ष के छात्र शिवम डे (24) ने 15 अगस्त की रात एचएमआर हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतक का संबंध मूलतः बिहार के पूर्णिया जिले से था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस अधिकारियों के साथ फॉरेंसिक टीम ने भी स्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपनी आत्महत्या के कारणों और कुछ विशेष अनुरोधों का उल्लेख किया है।
सुसाइड नोट में शिवम ने व्यक्तिगत बातें साझा कीं। उसने पुलिस से अनुरोध किया कि उसकी मौत के लिए किसी को दोषी न ठहराया जाए और किसी को हिरासत में न लिया जाए।
छात्र ने आगे लिखा कि वह पिछले दो वर्षों से कॉलेज नहीं जा रहा था। उसने शारदा यूनिवर्सिटी प्रबंधन से निवेदन किया कि उसकी अनावश्यक फीस परिवार को वापस कर दी जाए, ताकि आर्थिक बोझ कम हो सके।
इसके साथ ही उसने देश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा कि यदि यह देश महान बनना चाहता है तो सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा। सुसाइड नोट में एक और संवेदनशील पहलू सामने आया, जिसमें शिवम ने लिखा कि वह अंगदान करना चाहता है ताकि उसकी मृत्यु के बाद किसी जरूरतमंद की जिंदगी बच सके।
मृतक के परिवार ने यह आरोप लगाया कि छात्र लंबे समय से कॉलेज नहीं जा रहा था, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी भी इसकी जानकारी परिवार को नहीं दी। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और सभी पहलुओं पर बारीकी से पड़ताल होगी।