क्या जीएसटी 2.0 को दुकानदारों और नेताओं ने स्वागत योग्य कदम माना?

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क्या जीएसटी 2.0 को दुकानदारों और नेताओं ने स्वागत योग्य कदम माना?

सारांश

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों में कमी का ऐलान किया गया। जानिए इस फैसले पर स्थानीय लोगों, नेताओं और दुकानदारों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • जीएसटी दरों में कटौती जनता के लिए राहत भरी है।
  • स्थानीय दुकानदारों ने निर्णय की सराहना की है।
  • राजनीतिक दृष्टिकोण से यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • महंगाई और बेरोजगारी की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
  • सरकार की पारदर्शिता और कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।

औरैया, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों में कमी का ऐलान किया गया। उत्तर प्रदेश के औरैया में स्थानीय निवासियों, राजनेताओं और दुकानदारों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ दीं।

पूर्व कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने जीएसटी 2.0 की सराहना करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को एक उपहार देते हुए जीएसटी की कुछ दरें कम की हैं। इससे जनता को सीधे लाभ होगा। रोटी, कपड़ा और मकान के बाद, आम आदमी को और क्या चाहिए? इस निर्णय से टैक्स में कमी कर जनता को राहत दी गई है। प्रधानमंत्री ने दीपावली से पहले गरीबों को राहत देने का वादा किया था और यह उसी दिशा में एक कदम है।"

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अंशु तिवारी ने जीएसटी काउंसिल के निर्णय की प्रशंसा की और सरकार से सवाल भी किए। उन्होंने कहा, "अगर यह निर्णय वास्तव में लोगों को राहत देने के लिए लिया गया है, तो यह सराहनीय है। लेकिन, अगर यह केवल एक राजनीतिक स्टंट है, तो यह दुखद होगा। मुझे लगता है कि इस फैसले का फायदा देश को मिलना चाहिए, क्योंकि बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याएं भी गंभीर हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि सस्ती चीजें जनता को मुहैया कराएं ताकि आम आदमी का जीवन सरल हो।"

उन्होंने आगे कहा, "जीएसटी लागू होने के बाद से सरकार स्वयं भ्रमित है। सरकार स्वयं नहीं जानती कि जीएसटी को किस प्रकार लागू करना है। बार-बार बदलाव यह सिद्ध कर रहे हैं कि सरकार स्वयं से संतुष्ट नहीं है। हालांकि, जीएसटी में जिन चीजों से कर हटाया गया है, वह एक सकारात्मक कदम है। मेरा मानना है कि इसमें ईमानदारी होनी चाहिए, क्योंकि सरकार की कथनी और करनी में अक्सर अंतर देखने को मिलता है।"

स्थानीय दुकानदारों ने जीएसटी दरों में कटौती और रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स कम होने के निर्णय को जनता के हित में बताया। एक दुकानदार ने कहा, "यह निर्णय छोटे व्यापारियों और आम जनता के लिए बहुत लाभकारी है। इससे न केवल सामान सस्ता होगा, बल्कि उपभोग भी बढ़ेगा। हम इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं।"

दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में इस निर्णय का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

Point of View

लेकिन इसके प्रभाव को समझने के लिए हमें सरकार के कार्यों पर नज़र रखनी होगी। अगर यह केवल चुनावी स्टंट है, तो यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। जीएसटी के प्रभावी कार्यान्वयन में पारदर्शिता और ईमानदारी अत्यंत आवश्यक है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी 2.0 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जीएसटी 2.0 का मुख्य उद्देश्य जनता को राहत देना और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें कम करना है।
क्या जीएसटी दरों में कमी से महंगाई पर प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी दरों में कमी से महंगाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
स्थानीय दुकानदारों का इस निर्णय पर क्या कहना है?
स्थानीय दुकानदारों का मानना है कि यह निर्णय उनके लिए फायदेमंद है और इससे उपभोग बढ़ेगा।
क्या यह निर्णय चुनावी स्टंट है?
कुछ नेताओं का मानना है कि यह केवल राजनीतिक स्टंट हो सकता है, जबकि अन्य इसे सराहनीय कदम मानते हैं।
जीएसटी के लागू होने के बाद से क्या समस्याएँ आई हैं?
जीएसटी लागू होने के बाद से सरकार को कई बार बदलाव करने पड़े हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।